TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

19-04-2025

राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 सरकार ने डेटा सेंटर्स के लिए कई तरह के इन्सेंटिव घोषित किए

  •  आज का युग डिजिटल परिवर्तन का युग है, जहां सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीकी विकास ने हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस बदलते परिदृश्य में डेटा सेंटर्स आधुनिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन गए हैं, जो उद्योगों, शासन और नागरिक सेवाओं को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने दूरदर्शी कदम उठाते हुए ‘राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी- 2025’ की शुरुआत की है। राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी- 2025 का औपचारिक शुभारंभ राजस्थान दिवस साप्ताहिक महोत्सव के दौरान राज्य स्तरीय निवेश उत्सव ‘राइजिंग राजस्थान इम्पैक्ट 1.0’ के अवसर पर किया गया। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में एक विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इकोसिस्टम विकसित करना और इसे डेटा सेंटर क्षेत्र में एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस नीति के माध्यम से राजस्थान को डिजिटल बुनियादी ढांचे का एक अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। यह नीति सुरक्षित, लचीले और ऊर्जा-कुशल डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। नीति के प्रमुख प्रावधान : राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 में डेटा सेंटर सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए कई आकर्षक प्रावधान शामिल किए गए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य निजी क्षेत्र को डेटा सेंटर्स की स्थापना के लिए प्रेरित करना और निवेशकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना है। नीति के कुछ प्रमुख प्रावधानों के तहत... एसेट क्रिएशन इंसेंटिव: डेटा सेंटर्स की स्थापना के लिए पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। सनराइज इंसेंटिव: नए और उभरते डेटा सेंटर उद्यमों को  शुरूआती सहायता के लिए यह प्रोत्साहन दिया जाएगा। ब्याज अनुदान: डेटा सेंटर परियोजनाओं के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज में सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे वित्तीय बोझ कम होगा। बैंकिंग, ट्रांसमिशन व व्हीलिंग शुल्क में छूट: बिजली संबंधी लागत को कम करने के लिए इन शुल्कों में रियायत दी जाएगी, जो डेटा सेंटर्स के लिए एक बड़ी राहत होगी। निवेश और आर्थिक प्रभाव:  इस नीति के क्रियान्वयन से अगले पांच वर्षों में राजस्थान में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई जा रही है। यह निवेश न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। डेटा सेंटर्स की स्थापना से सूचना प्रौद्योगिकी, क्लाउड कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी।

Share
राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 सरकार ने डेटा सेंटर्स के लिए कई तरह के इन्सेंटिव घोषित किए

 आज का युग डिजिटल परिवर्तन का युग है, जहां सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीकी विकास ने हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इस बदलते परिदृश्य में डेटा सेंटर्स आधुनिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन गए हैं, जो उद्योगों, शासन और नागरिक सेवाओं को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने दूरदर्शी कदम उठाते हुए ‘राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी- 2025’ की शुरुआत की है। राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी- 2025 का औपचारिक शुभारंभ राजस्थान दिवस साप्ताहिक महोत्सव के दौरान राज्य स्तरीय निवेश उत्सव ‘राइजिंग राजस्थान इम्पैक्ट 1.0’ के अवसर पर किया गया। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में एक विश्व स्तरीय डेटा सेंटर इकोसिस्टम विकसित करना और इसे डेटा सेंटर क्षेत्र में एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस नीति के माध्यम से राजस्थान को डिजिटल बुनियादी ढांचे का एक अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। यह नीति सुरक्षित, लचीले और ऊर्जा-कुशल डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। नीति के प्रमुख प्रावधान : राजस्थान डेटा सेंटर पॉलिसी-2025 में डेटा सेंटर सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए कई आकर्षक प्रावधान शामिल किए गए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य निजी क्षेत्र को डेटा सेंटर्स की स्थापना के लिए प्रेरित करना और निवेशकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना है। नीति के कुछ प्रमुख प्रावधानों के तहत... एसेट क्रिएशन इंसेंटिव: डेटा सेंटर्स की स्थापना के लिए पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। सनराइज इंसेंटिव: नए और उभरते डेटा सेंटर उद्यमों को  शुरूआती सहायता के लिए यह प्रोत्साहन दिया जाएगा। ब्याज अनुदान: डेटा सेंटर परियोजनाओं के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज में सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे वित्तीय बोझ कम होगा। बैंकिंग, ट्रांसमिशन व व्हीलिंग शुल्क में छूट: बिजली संबंधी लागत को कम करने के लिए इन शुल्कों में रियायत दी जाएगी, जो डेटा सेंटर्स के लिए एक बड़ी राहत होगी। निवेश और आर्थिक प्रभाव:  इस नीति के क्रियान्वयन से अगले पांच वर्षों में राजस्थान में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई जा रही है। यह निवेश न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। डेटा सेंटर्स की स्थापना से सूचना प्रौद्योगिकी, क्लाउड कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news