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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-04-2025

बदलते ग्लोबल परिदृश्य में टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स के लिए साबित हो सकती गेम चेंजर

  •  अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की नीति पर चल पडऩे के बाद बदलते वैश्विक परिदृश्य में राजस्थान के टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स के लिए एक नई राह खुलती नजर आ रही है। राजस्थान राज्य से होने वाले कुल एक्सपोर्ट की शीर्ष पांच वस्तुओं में टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी शामिल है। यह इंडस्ट्री प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। प्रदेश में ‘फाइबर से फैशन तक’ के विजन के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गत दिनों ‘राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025’ लागू करने की घोषणा की है। बदलते ग्लोबल परिदृश्य के बीच यह नीति प्रदेश को आधुनिक टेक्सटाइल एवं अपैरल विनिर्माण के नये केन्द्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जारी राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025 में टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी शामिल किया गया है। साथ ही इस नीति में प्राकृतिक एवं कृत्रिम फाइबर के उत्पादन को बढ़ाने से लेकर तकनीकी टेक्सटाइल्स और वस्त्र विनिर्माण, हैण्डलूम, ऊन प्रसंस्करण, चमड़े के उत्पाद, फुटवियर जैसे संबंधित क्षेत्रों को भी समाहित किया गया है। इस नीति में टेक्सटाइल उद्यमियों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल कार्यबल, पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान व लॉजिस्टिक्स सहित आधारभूत सुविधाओं के विकास और निर्यात प्रोत्साहन के लिए पर्याप्त और आकर्षक वित्तीय इन्सेंटिव्स के प्रावधान किए गए हैं। नई राजस्थान टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी के तहत जहां एक ओर वस्त्र व परिधान क्षेत्र के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 वर्षों तक 80 करोड़ रूपये वार्षिक तक का एसेट क्रिएशन इंसेंटिव, भूमि/भवन क्रय या लीज पर स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट, बिजली उपभोग पर 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी छूट प्रदान की जाएगी। वहीं पर्यावरणीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस नीति में ग्रीन सॉल्यूशन इंसेंटिव के तहत 12.5 करोड़ रूपये तक 50 प्रतिशत, अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के लिए बैंकिंग, व्हीलिंग व ट्रांसमिशन शुल्क का 100 प्रतिशत, पेटेंट/कॉपीराइट लागत का 50 प्रतिशत एवं भूमि रूपांतरण शुल्क का 100 प्रतिशत पुनर्भरण के प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह निर्यात इकाइयों को फ्रेट चार्ज पर 25 प्रतिशत तथा कार्मिक प्रशिक्षण लागत का 50 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है।  राजस्थान देश का चौथा सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है और यहां भीलवाड़ा, जयपुर, पाली एवं बालोतरा जैसे टेक्सटाइल हब के वस्त्र निर्माताओं के लिए लंबी अवधि में यह स्थिति अमेरिका को टेक्सटाइल एक्सपोर्ट  बढ़ाने के लिए अनुकूल साबित हो सकती है। नीति के अंतर्गत समावेशी विकास पर विशेष ध्यान देते हुए इस क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रूपये के निवेश तथा 2 लाख रोजगार के सृजन पर भी जोर दिया गया है। इस नीति के माध्यम से 5 नए टेक्सटाइल पार्क विकसित करने के साथ ही, नई व विस्तारित हो रही परिधान निर्माण इकाइयों को सहायता दी जाएगी।

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बदलते ग्लोबल परिदृश्य में टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स के लिए साबित हो सकती गेम चेंजर

 अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की नीति पर चल पडऩे के बाद बदलते वैश्विक परिदृश्य में राजस्थान के टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स के लिए एक नई राह खुलती नजर आ रही है। राजस्थान राज्य से होने वाले कुल एक्सपोर्ट की शीर्ष पांच वस्तुओं में टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी शामिल है। यह इंडस्ट्री प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। प्रदेश में ‘फाइबर से फैशन तक’ के विजन के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गत दिनों ‘राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025’ लागू करने की घोषणा की है। बदलते ग्लोबल परिदृश्य के बीच यह नीति प्रदेश को आधुनिक टेक्सटाइल एवं अपैरल विनिर्माण के नये केन्द्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जारी राजस्थान टेक्सटाइल एण्ड अपैरल पॉलिसी-2025 में टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी शामिल किया गया है। साथ ही इस नीति में प्राकृतिक एवं कृत्रिम फाइबर के उत्पादन को बढ़ाने से लेकर तकनीकी टेक्सटाइल्स और वस्त्र विनिर्माण, हैण्डलूम, ऊन प्रसंस्करण, चमड़े के उत्पाद, फुटवियर जैसे संबंधित क्षेत्रों को भी समाहित किया गया है। इस नीति में टेक्सटाइल उद्यमियों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल कार्यबल, पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान व लॉजिस्टिक्स सहित आधारभूत सुविधाओं के विकास और निर्यात प्रोत्साहन के लिए पर्याप्त और आकर्षक वित्तीय इन्सेंटिव्स के प्रावधान किए गए हैं। नई राजस्थान टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी के तहत जहां एक ओर वस्त्र व परिधान क्षेत्र के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 वर्षों तक 80 करोड़ रूपये वार्षिक तक का एसेट क्रिएशन इंसेंटिव, भूमि/भवन क्रय या लीज पर स्टांप ड्यूटी व पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट, बिजली उपभोग पर 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी छूट प्रदान की जाएगी। वहीं पर्यावरणीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस नीति में ग्रीन सॉल्यूशन इंसेंटिव के तहत 12.5 करोड़ रूपये तक 50 प्रतिशत, अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के लिए बैंकिंग, व्हीलिंग व ट्रांसमिशन शुल्क का 100 प्रतिशत, पेटेंट/कॉपीराइट लागत का 50 प्रतिशत एवं भूमि रूपांतरण शुल्क का 100 प्रतिशत पुनर्भरण के प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह निर्यात इकाइयों को फ्रेट चार्ज पर 25 प्रतिशत तथा कार्मिक प्रशिक्षण लागत का 50 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है।  राजस्थान देश का चौथा सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है और यहां भीलवाड़ा, जयपुर, पाली एवं बालोतरा जैसे टेक्सटाइल हब के वस्त्र निर्माताओं के लिए लंबी अवधि में यह स्थिति अमेरिका को टेक्सटाइल एक्सपोर्ट  बढ़ाने के लिए अनुकूल साबित हो सकती है। नीति के अंतर्गत समावेशी विकास पर विशेष ध्यान देते हुए इस क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रूपये के निवेश तथा 2 लाख रोजगार के सृजन पर भी जोर दिया गया है। इस नीति के माध्यम से 5 नए टेक्सटाइल पार्क विकसित करने के साथ ही, नई व विस्तारित हो रही परिधान निर्माण इकाइयों को सहायता दी जाएगी।


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