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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

11-08-2025

क्या आप जानते हैं?

  •  आज के दौर में हमारी जीवनशैली जितनी तेज और व्यस्त हो गई है, उतनी ही असंतुलित भी। भागदौड़ भरी दिनचर्या, बैठे-बैठे काम करने की आदतें और जंक फूड से भरा खान-पान, ये सब मिलकर हमारी सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। नतीजा यह होता है कि लोग कम उम्र में ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले अपने खाने की थाली में बदलाव करना जरूरी है। इस कड़ी में एक बेहद साधारण लेकिन असरदार चीज जो आपके रोज के खाने में शामिल हो सकती है, वह है चपाती। चपाती, जिसे आमतौर पर रोटी कहा जाता है, भारतीय भोजन का एक मुख्य हिस्सा है। यह आमतौर पर गेहूं के आटे से बनाई जाती है। इसमें भरपूर पोषण छिपा होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसे सही तरीके से बनाया और खाया जाए, तो यह न केवल ऊर्जा देती है बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मददगार साबित हो सकती है। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, चपाती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चावल की तुलना में कम होता है। इसका मतलब यह है कि चपाती खाने के बाद ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। वर्ष 2020 में एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से चपाती खाने से न केवल ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रण में आता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि चपाती खाना हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है। अगर इसे कम घी या तेल में सेंका जाए तो यह दिल के रोगियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। 2016 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, फाइबर युक्त और कम वसा वाला खाना दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है, और चपाती इन दोनों शर्तों को पूरा करती है। कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि चपाती में मौजूद फाइबर न केवल पाचन को सुधारता है बल्कि कब्ज से भी राहत दिलाता है। यह आंतों को साफ रखने में मदद करता है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। इससे बार-बार भूख लगने और ओवरइटिंग की समस्या भी कम हो जाती है, जो वजन नियंत्रण में सहायक होती है। एनआईएच के मुताबिक, चपाती में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6, फोलेट (बी9), विटामिन ई और मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्व शरीर की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करते हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए यह एक सस्ता और प्रभावी पोषण स्रोत है।

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क्या आप जानते हैं?

 आज के दौर में हमारी जीवनशैली जितनी तेज और व्यस्त हो गई है, उतनी ही असंतुलित भी। भागदौड़ भरी दिनचर्या, बैठे-बैठे काम करने की आदतें और जंक फूड से भरा खान-पान, ये सब मिलकर हमारी सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। नतीजा यह होता है कि लोग कम उम्र में ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले अपने खाने की थाली में बदलाव करना जरूरी है। इस कड़ी में एक बेहद साधारण लेकिन असरदार चीज जो आपके रोज के खाने में शामिल हो सकती है, वह है चपाती। चपाती, जिसे आमतौर पर रोटी कहा जाता है, भारतीय भोजन का एक मुख्य हिस्सा है। यह आमतौर पर गेहूं के आटे से बनाई जाती है। इसमें भरपूर पोषण छिपा होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसे सही तरीके से बनाया और खाया जाए, तो यह न केवल ऊर्जा देती है बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाने में भी मददगार साबित हो सकती है। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, चपाती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चावल की तुलना में कम होता है। इसका मतलब यह है कि चपाती खाने के बाद ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। वर्ष 2020 में एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से चपाती खाने से न केवल ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रण में आता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि चपाती खाना हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है। अगर इसे कम घी या तेल में सेंका जाए तो यह दिल के रोगियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। 2016 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, फाइबर युक्त और कम वसा वाला खाना दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है, और चपाती इन दोनों शर्तों को पूरा करती है। कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि चपाती में मौजूद फाइबर न केवल पाचन को सुधारता है बल्कि कब्ज से भी राहत दिलाता है। यह आंतों को साफ रखने में मदद करता है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। इससे बार-बार भूख लगने और ओवरइटिंग की समस्या भी कम हो जाती है, जो वजन नियंत्रण में सहायक होती है। एनआईएच के मुताबिक, चपाती में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6, फोलेट (बी9), विटामिन ई और मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कैल्शियम और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्व शरीर की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करते हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए यह एक सस्ता और प्रभावी पोषण स्रोत है।


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