TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-08-2025

जीवनशैली में बदलाव से शरीर को बढ़े हुए यूरिक एसिड से बचायें

  •  आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। अनियमित दिनचर्या, गलत खान-पान और तनाव के चलते कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को जकड़ लेती हैं। 30-40 की उम्र में ही लोग शुगर, ब्लड प्रेशर, जोड़ों के दर्द, थायराइड और यूरिक एसिड जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। जब तक हम अपनी सेहत की देखभाल नहीं करेंगे, तब तक इन बीमारियों से छुटकारा पाना मुश्किल है। हमारे शरीर में कई तरह के तत्व होते हैं, जिनमें से कुछ जरूरी होते हैं और कुछ हानिकारक। ऐसा ही एक तत्व है यूरिक एसिड। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब हम जो खाना खाते हैं, उसमें मौजूद प्यूरिन नाम के तत्व टूटते हैं। प्यूरिन मांस, मछली, दालें, मशरूम, पालक, चाय, कॉफी, एल्कोहल और कुछ खास तरह की चीजों में पाया जाता है। जब यह टूटता है, तो यूरिक एसिड बनता है, जिसे शरीर हमारी किडनी के जरिए बाहर निकाल देता है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगे या किडनी उसे सही तरीके से बाहर न निकाल पाए, तो यह रक्त में जमा होने लगता है। यही स्थिति हाइपरयूरिसीमिया कहलाती है, और इसका असर धीरे-धीरे हमारे जोड़ों पर पडऩे लगता है। यूरिक एसिड बढऩे पर सबसे पहले असर जोड़ों पर होता है। घुटनों, एडिय़ों, पैरों के अंगूठे या उंगलियों में दर्द, सूजन, जलन, अकडऩ और चलने-फिरने में परेशानी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इस स्थिति को गठिया कहा जाता है। समय रहते ध्यान न देने पर यूरिक एसिड किडनी स्टोन, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे में सवाल आता है कि यूरिक एसिड को कंट्रोल कैसे करें? इसका सबसे आसान और असरदार तरीका है अपने खान-पान और जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करके। सबसे पहले हमें ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए जिनमें प्यूरिन ज्यादा हो। तले-भुने, मसालेदार और बहुत ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन से भी दूरी बनानी चाहिए। इसकी जगह हल्का और संतुलित खाना खाएं। हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, फाइबर युक्त चीजें और विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, आंवला, और अमरूद को अपने आहार में शामिल करें। पानी पीना बहुत जरूरी है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि शरीर से यूरिक एसिड आसानी से बाहर निकल सके। साथ ही, नारियल पानी, नींबू पानी और हल्का गर्म पानी पीना भी फायदेमंद होता है। कुछ घरेलू नुस्खे भी यूरिक एसिड को घटाने में मदद कर सकते हैं, जैसे एक चम्मच अजवाइन रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पीना। वहीं एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर दिन में दो बार पीना। इसके अलावा, आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक-दो बार लेना या फिर कच्चा पपीता उबालकर उसका पानी पीना भी यूरिक एसिड में लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, रोजाना व्यायाम करना भी बहुत जरूरी है। खासकर पैदल चलना, हल्की स्ट्रेचिंग या साइक्लिंग से शरीर की चर्बी कम होती है और यूरिक एसिड भी नियंत्रित रहता है। मोटापा भी यूरिक एसिड बढऩे का एक कारण होता है, इसलिए वजन पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर यूरिक एसिड बहुत ज्यादा बढ़ गया हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जांच कराएं।

Share
जीवनशैली में बदलाव से शरीर को बढ़े हुए यूरिक एसिड से बचायें

 आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। अनियमित दिनचर्या, गलत खान-पान और तनाव के चलते कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को जकड़ लेती हैं। 30-40 की उम्र में ही लोग शुगर, ब्लड प्रेशर, जोड़ों के दर्द, थायराइड और यूरिक एसिड जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। जब तक हम अपनी सेहत की देखभाल नहीं करेंगे, तब तक इन बीमारियों से छुटकारा पाना मुश्किल है। हमारे शरीर में कई तरह के तत्व होते हैं, जिनमें से कुछ जरूरी होते हैं और कुछ हानिकारक। ऐसा ही एक तत्व है यूरिक एसिड। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब हम जो खाना खाते हैं, उसमें मौजूद प्यूरिन नाम के तत्व टूटते हैं। प्यूरिन मांस, मछली, दालें, मशरूम, पालक, चाय, कॉफी, एल्कोहल और कुछ खास तरह की चीजों में पाया जाता है। जब यह टूटता है, तो यूरिक एसिड बनता है, जिसे शरीर हमारी किडनी के जरिए बाहर निकाल देता है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगे या किडनी उसे सही तरीके से बाहर न निकाल पाए, तो यह रक्त में जमा होने लगता है। यही स्थिति हाइपरयूरिसीमिया कहलाती है, और इसका असर धीरे-धीरे हमारे जोड़ों पर पडऩे लगता है। यूरिक एसिड बढऩे पर सबसे पहले असर जोड़ों पर होता है। घुटनों, एडिय़ों, पैरों के अंगूठे या उंगलियों में दर्द, सूजन, जलन, अकडऩ और चलने-फिरने में परेशानी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इस स्थिति को गठिया कहा जाता है। समय रहते ध्यान न देने पर यूरिक एसिड किडनी स्टोन, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे में सवाल आता है कि यूरिक एसिड को कंट्रोल कैसे करें? इसका सबसे आसान और असरदार तरीका है अपने खान-पान और जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करके। सबसे पहले हमें ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए जिनमें प्यूरिन ज्यादा हो। तले-भुने, मसालेदार और बहुत ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन से भी दूरी बनानी चाहिए। इसकी जगह हल्का और संतुलित खाना खाएं। हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल, फाइबर युक्त चीजें और विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, आंवला, और अमरूद को अपने आहार में शामिल करें। पानी पीना बहुत जरूरी है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि शरीर से यूरिक एसिड आसानी से बाहर निकल सके। साथ ही, नारियल पानी, नींबू पानी और हल्का गर्म पानी पीना भी फायदेमंद होता है। कुछ घरेलू नुस्खे भी यूरिक एसिड को घटाने में मदद कर सकते हैं, जैसे एक चम्मच अजवाइन रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट पीना। वहीं एक गिलास पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर दिन में दो बार पीना। इसके अलावा, आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक-दो बार लेना या फिर कच्चा पपीता उबालकर उसका पानी पीना भी यूरिक एसिड में लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, रोजाना व्यायाम करना भी बहुत जरूरी है। खासकर पैदल चलना, हल्की स्ट्रेचिंग या साइक्लिंग से शरीर की चर्बी कम होती है और यूरिक एसिड भी नियंत्रित रहता है। मोटापा भी यूरिक एसिड बढऩे का एक कारण होता है, इसलिए वजन पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर यूरिक एसिड बहुत ज्यादा बढ़ गया हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर जांच कराएं।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news