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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

08-08-2025

महिलाओं की सेहत के लिए सही नहीं रात में कॉफी पीना

  •  एक नए अध्ययन के अनुसार, रात में कॉफी पीना खासकर महिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बन सकता है। उनमें आवेगपूर्ण व्यवहार बढ़ सकता है, जिससे बिना सोचे-समझे जोखिम भरे काम करने की संभावना बढ़ जाती है। यह अध्ययन द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एट एल पासो (यूटीईपी) के बायोलॉजिस्ट ने किया, जिसके परिणाम शिफ्ट वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मियों और सैन्य कर्मियों, खासकर महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यह अध्ययन आईसाइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ, जो रात में कैफीन के सेवन का व्यवहार पर प्रभाव जानने के लिए किया गया। इसमें मॉडल के तौर पर फू्रट फ्लाइज (ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर) पर प्रयोग किए गए। यह वैज्ञानिक अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण मॉडल प्रजाति है। फू्रट फ्लाइज इसलिए चुनी गईं क्योंकि उनके जेनेटिक और नर्वस सिस्टम में इंसानों के साथ कुछ समानताएं हैं। यह समानता वैज्ञानिकों को जटिल व्यवहारों, जैसे इम्पल्सिविटी और आत्म-नियंत्रण का अध्ययन करने में मदद करती है। मक्खियों की आवेगपूर्ण प्रवृत्ति को जांचने के लिए, शोधकर्ताओं ने तेज हवा में प्रतिक्रिया देते हुए उनकी गति को रोकने की क्षमता को मापा। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस कॉलेज ऑफ मेडिसिन पियोरा के शोध विशेषज्ञ एरिक साल्डेस ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में तेज हवा के संपर्क में आने पर फू्रट फ्लाइज हिलना बंद कर देती हैं। लेकिन रात में कैफीन लेने वाली मक्खियां जोखिम भरे तरीके से उड़ान भरती रहीं। दिलचस्प बात यह है कि दिन में कैफीन लेने वाली मक्खियों में ऐसा आवेगपूर्ण व्यवहार नहीं दिखा। साथ ही, मेल और फीमेल मक्खियों में कैफीन की मात्रा समान होने के बावजूद, फीमेल मक्खियों में कैफीन से प्रेरित आवेगपूर्ण व्यवहार मेल की तुलना में काफी अधिक था। प्रोफेसर क्यूंग-एन हान ने कहा कि कि इस अध्ययन से रात में कैफीन के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी। मक्खियों में इंसानों जैसे हार्मोन नहीं होते, इसलिए फीमेल मक्खियों में कैफीन के प्रति बढ़ी हुई संवेदनशीलता के पीछे अन्य जेनेटिक या शारीरिक कारक हो सकते हैं। इन कारकों का पता लगाने से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि रात के समय शरीर की कार्यप्रणाली और जेंडर-विशिष्ट विशेषताएं कैफीन के प्रभाव को कैसे बदलती हैं।

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महिलाओं की सेहत के लिए सही नहीं रात में कॉफी पीना

 एक नए अध्ययन के अनुसार, रात में कॉफी पीना खासकर महिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बन सकता है। उनमें आवेगपूर्ण व्यवहार बढ़ सकता है, जिससे बिना सोचे-समझे जोखिम भरे काम करने की संभावना बढ़ जाती है। यह अध्ययन द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एट एल पासो (यूटीईपी) के बायोलॉजिस्ट ने किया, जिसके परिणाम शिफ्ट वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मियों और सैन्य कर्मियों, खासकर महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यह अध्ययन आईसाइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ, जो रात में कैफीन के सेवन का व्यवहार पर प्रभाव जानने के लिए किया गया। इसमें मॉडल के तौर पर फू्रट फ्लाइज (ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर) पर प्रयोग किए गए। यह वैज्ञानिक अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण मॉडल प्रजाति है। फू्रट फ्लाइज इसलिए चुनी गईं क्योंकि उनके जेनेटिक और नर्वस सिस्टम में इंसानों के साथ कुछ समानताएं हैं। यह समानता वैज्ञानिकों को जटिल व्यवहारों, जैसे इम्पल्सिविटी और आत्म-नियंत्रण का अध्ययन करने में मदद करती है। मक्खियों की आवेगपूर्ण प्रवृत्ति को जांचने के लिए, शोधकर्ताओं ने तेज हवा में प्रतिक्रिया देते हुए उनकी गति को रोकने की क्षमता को मापा। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस कॉलेज ऑफ मेडिसिन पियोरा के शोध विशेषज्ञ एरिक साल्डेस ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में तेज हवा के संपर्क में आने पर फू्रट फ्लाइज हिलना बंद कर देती हैं। लेकिन रात में कैफीन लेने वाली मक्खियां जोखिम भरे तरीके से उड़ान भरती रहीं। दिलचस्प बात यह है कि दिन में कैफीन लेने वाली मक्खियों में ऐसा आवेगपूर्ण व्यवहार नहीं दिखा। साथ ही, मेल और फीमेल मक्खियों में कैफीन की मात्रा समान होने के बावजूद, फीमेल मक्खियों में कैफीन से प्रेरित आवेगपूर्ण व्यवहार मेल की तुलना में काफी अधिक था। प्रोफेसर क्यूंग-एन हान ने कहा कि कि इस अध्ययन से रात में कैफीन के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी। मक्खियों में इंसानों जैसे हार्मोन नहीं होते, इसलिए फीमेल मक्खियों में कैफीन के प्रति बढ़ी हुई संवेदनशीलता के पीछे अन्य जेनेटिक या शारीरिक कारक हो सकते हैं। इन कारकों का पता लगाने से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि रात के समय शरीर की कार्यप्रणाली और जेंडर-विशिष्ट विशेषताएं कैफीन के प्रभाव को कैसे बदलती हैं।


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