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02-09-2025

टाटा कैपिटल सितंबर के अंतिम सप्ताह में 17,200 करोड़ रुपये का आईपीओ लाएगी

  •  गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) टाटा कैपिटल 22 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में अपना 17,200 करोड़ रुपये का बहुप्रतीक्षित आईपीओ लाने के लिए तैयार है। मामले से परिचित बाजार सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आरंभिक सार्जवनिक निर्गम (आईपीओ) से कंपनी का मूल्यांकन लगभग 11 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। टाटा कैपिटल 30 सितंबर तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सकती है। अगस्त में दायर मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार 47.58 करोड़ शेयरों के प्रस्तावित आईपीओ में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है। ओएफएस के तहत, टाटा संस 23 करोड़ शेयर बेचेगी, जबकि अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) 3.58 करोड़ शेयर बेचेगा। इस समय टाटा कैपिटल में टाटा संस की 88.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि आईएफसी के पास 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 पूंजी आधार को मजबूत करने और आगे की उधारी सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। यह आईपीओ सफल होने पर भारत के वित्तीय क्षेत्र का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा। नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के बाद हाल के वर्षों में आईपीओ लाने वाली यह टाटा समूह की दूसरी कंपनी होगी।

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टाटा कैपिटल सितंबर के अंतिम सप्ताह में 17,200 करोड़ रुपये का आईपीओ लाएगी

 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) टाटा कैपिटल 22 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में अपना 17,200 करोड़ रुपये का बहुप्रतीक्षित आईपीओ लाने के लिए तैयार है। मामले से परिचित बाजार सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आरंभिक सार्जवनिक निर्गम (आईपीओ) से कंपनी का मूल्यांकन लगभग 11 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। टाटा कैपिटल 30 सितंबर तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सकती है। अगस्त में दायर मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार 47.58 करोड़ शेयरों के प्रस्तावित आईपीओ में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है। ओएफएस के तहत, टाटा संस 23 करोड़ शेयर बेचेगी, जबकि अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) 3.58 करोड़ शेयर बेचेगा। इस समय टाटा कैपिटल में टाटा संस की 88.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि आईएफसी के पास 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 पूंजी आधार को मजबूत करने और आगे की उधारी सहित भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। यह आईपीओ सफल होने पर भारत के वित्तीय क्षेत्र का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा। नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के बाद हाल के वर्षों में आईपीओ लाने वाली यह टाटा समूह की दूसरी कंपनी होगी।


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