इस बार मौसम अनुकूल होने से इसकी पैदावार अच्छी हुई है। वही लोकल व चलानी मांग वर्तमान में शांत पड़ गई है, एवं निर्यात मांग भी नहीं निकल पा रही है। जिसके चलते इस समय इसके भावों में नरमी बनी हुई है। तथा आगे इसमें गिरावट आने की संभावना लग रही है। मेथीदाना में तेजी नहीं दिखाई दे रही है। पीछे मंडियों में फसल अच्छी बताई जा रही है। पिछले एक पखवाड़े से बीकानेर से नई क्रॉप आ रही है। नया माल के भाव वहां पर 53/54 रुपए खुला था। इस समय दिल्ली मंडी में मेथीदाना सामान्य के भाव 6300/6400 रुपए एवं बढिय़ा 7000/8000 रुपए चल रहे हैं। गत वर्ष के मुकाबले इस बार मांग नहीं निकल पा रही हैं, पिछले साल इसके भाव ऊंचे थे। आचारी सीजन होने के बावजूद भी डिमांड सुस्त बनी हुई है। गत वर्ष इसके भाव 70 रुपए बिक चुके थे। इस बार उत्पादन में कमी नहीं है अत: क्वालिटी भी अच्छी बताई जा रही है। ग्वालियर से प्रदीप गोयल ने बताया कि, मेथीदाना में तेजी के आसार नहीं दिखाई दे रहे है। इस बार फसल अच्छी बताई जा रही है, इसके अलावा ग्वालियर मंडी में नया माल के भाव 55 रुपए चल रहे हैं। पिछले दो माह से नया माल शुरू हो चुका है, पुराना स्टॉक करीब 25 प्रतिशत शेष है। आगे उन्होंने बताया कि, यहां पर करीब 50 बोरियों की आवक हुई है। पिछले साल इसकी पैदावार में कमी हुई थी, इस समय मांग ना निकलने से इसके भाव टूट सकते हैं। कीमत टूटने का मुख्य कारण यह है, कि इस समय आचारी सीजन ना निकलने के साथ-साथ कहीं से निर्यात डिमांड भी नहीं निकल रही है। इसके अलावा और मंडियों में नया माल शुरू हो चुका है। मेथी का उत्पादन राजस्थान के जोधपुर, प्रतापगढ़, बीकानेर और एमपी के जावरा, मंदसौर, नीमच के साथ- साथ गुजरात में होता है। जावरा मंडी से प्रवीन कुमार ने बताया कि, मेथीदाना में मंदा दिखाई दे रहा है, क्योंकि लिवाली भी कमजोर बनी हुई है। रतलाम, जावरा में नया माल अप्रैल माह से शुरू हो चुका है। वहां पर नया माल 52/53 रुपए के आसपास खुला था, इस समय इसके भाव टूट चुके हैं। पुराना स्टॉक भी कम बताया जा रहा है, नया माल की निर्यात मांग नहीं निकल पा रही है, गत वर्ष अप्रैल व मई माह में लिवाली मजबूत बनी हुई थी, लेकिन इस समय चौतरफा ग्राहकी कमजोर बनी हुई है। पिछले साल ग्राहकी मजबूत एवं निर्यात डिमांड भी मजबूत बनी हुई थी। यहां पर भाव घटने के बावजूद भी बिक्री सुस्त बनी है। इस समय रतलाम मंडी में दैनिक आवक लगभग 4000/5000 हजार बोरी के आसपास हो रही है। अत: उत्पादन अधिक को देखते हुए आगे मंदी आने की संभावना लग रही है।