ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न की बात आप जानते ही हैं। अमे•ान और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स पोर्टल्स के बाद सेंट्रल कंज्यूमर प्रॉटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने राइड बुकिंग एप ओला और ऊबर को भी नोटिस दिया है। इन पर आरोप है कि ये सस्ते मोबाइल फोन से बुकिंग करने वाले कस्टमर से कम किराया वसूलते हैं और हाई-एंड स्मार्टफोन वाले से ज्यादा। हालांकि दोनों ही कंपनियों ने इन आरोपों को नकार दिया है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ने प्राइसिंग में अंतर जैसी इस तरह की गतिविधियों को अनफेयर (अनुचित) ट्रेड प्रैक्टिस और कंज्यूमर राइट्स का उल्लंघन करार दिया था। उन्होंने सीसीआई को डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करने के आरोपों की गहन जांच करने का निर्देश दिया था। ऑनलाइन कैब बुकिंग की सर्विसेज देने वाली ओला और ऊबर का कहना है कि वे हर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर एक जैसे प्राइसिंग स्ट्रक्चर का पालन करती हैं। प्राइसिंग में एंड्रॉइड या एपल आईफोन के आधार पर अंतर नहीं किया जाता है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने प्राइसिंग से जुड़ी शिकायतें आने के बाद कैब सर्विस प्रोवाइडर्स ओला और उबर को नोटिस जारी किया था। ओला और उबर के खिलाफ शिकायतें हैं कि इनके एप आईफोन और एंड्रॉइड मोबाइल यूजर्स के लिए एक ही डेस्टिनेशन के लिए अलग-अलग किराया दिखाते हैं। ओला के अनुसार सभी कस्टमर के लिए एकसमान प्राइसिंग स्ट्रक्चर है और हम एक जैसी राइड्स के लिए यूजर्स के मोबाइल फोन के आधार पर अंतर नहीं करते हैं। ऊबर ने भी सीसीपीए के नोटिस पर ओला के जैसा ही जवाब दिया है। ऊबर ने कहा, हम राइडर की फोन कंपनी के आधार पर प्राइस तय नहीं करते हैं।