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22-05-2025

दुबई से गोल्ड इंपोर्ट पर सरकार ने कर दी चोट

  •  नई दिल्लीञ्चएजेंसी। दुबई से अब सोना लाना पहले जितना आसान नहीं रहेगा क्योंकि सरकार ने सोने के आयात पर नियम सख्त कर दिए हैं। भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कच्चे या आधे बने हुए और पाउडर के रूप में आने वाले सोने-चांदी के इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। नए नियम के मुताबिक भारत-यूएई के बीच हुए सेपा (व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते) के तहत परमिट वाली एजेंसियां या ज्वेलर्स ही इंपोर्ट कर सकेंगे। वित्त वर्ष 2026 के बजट में सरकार ने इसकी घोषणा की थी। बजट में सरकार की तरफ से HS (Harmonized System) कोड बदलने की बात कही थी। एचएस कोड एक ऐसा नंबर होता है, जिससे यह पता चलता है कि कौन सी चीज आयात हो रही है और कौन सा सामान निर्यात हो रहा है। सरकार ने बजट में सोने के वायर, चांदी के वायर या 99 परसेंट से ज्यादा प्लेटिनम वाली चीजों के लिए एचएस कोड या टैरिफ कोड पेश करने की बात कही थी। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि कुछ लोग दुबई से 99 परसेंट शुद्ध सोना लाते हैं और इस पर प्लेटिनम मिश्र धातु का लेबल लगाकर कम टैक्स देते हैं। ये लोग भारत-यूएई के बीच सेपा समझौते के तहत कम टैक्स का फायदा उठा रहे हैं। इसे रोकने के लिए सरकार ने प्लेटिनम के लिए एक अलग एचएस कोड पेश किया। इससे सोने को प्लेटिनम बताकर आयात नहीं किया जा सकेगा, जबकि 99 परसेंट या उससे ज्यादा शुद्ध प्लेटिनम को छोडक़र अन्य किसी भी मिश्रण के तहत प्लेटिनम के आयात पर प्रतिबंध होगा। भारत-यूएई सेपा समझौते के तहत भारत को यूएई से सालाना 200 मीट्रिक टन सोना 1 परसेंट रियायत के साथ आयात कराने की इजाजत है। हालांकि इसके लिए टैरिफ रेट कोटा लाइसेंस होना जरूरी है।

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दुबई से गोल्ड इंपोर्ट पर सरकार ने कर दी चोट

 नई दिल्लीञ्चएजेंसी। दुबई से अब सोना लाना पहले जितना आसान नहीं रहेगा क्योंकि सरकार ने सोने के आयात पर नियम सख्त कर दिए हैं। भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कच्चे या आधे बने हुए और पाउडर के रूप में आने वाले सोने-चांदी के इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है। नए नियम के मुताबिक भारत-यूएई के बीच हुए सेपा (व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते) के तहत परमिट वाली एजेंसियां या ज्वेलर्स ही इंपोर्ट कर सकेंगे। वित्त वर्ष 2026 के बजट में सरकार ने इसकी घोषणा की थी। बजट में सरकार की तरफ से HS (Harmonized System) कोड बदलने की बात कही थी। एचएस कोड एक ऐसा नंबर होता है, जिससे यह पता चलता है कि कौन सी चीज आयात हो रही है और कौन सा सामान निर्यात हो रहा है। सरकार ने बजट में सोने के वायर, चांदी के वायर या 99 परसेंट से ज्यादा प्लेटिनम वाली चीजों के लिए एचएस कोड या टैरिफ कोड पेश करने की बात कही थी। सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि कुछ लोग दुबई से 99 परसेंट शुद्ध सोना लाते हैं और इस पर प्लेटिनम मिश्र धातु का लेबल लगाकर कम टैक्स देते हैं। ये लोग भारत-यूएई के बीच सेपा समझौते के तहत कम टैक्स का फायदा उठा रहे हैं। इसे रोकने के लिए सरकार ने प्लेटिनम के लिए एक अलग एचएस कोड पेश किया। इससे सोने को प्लेटिनम बताकर आयात नहीं किया जा सकेगा, जबकि 99 परसेंट या उससे ज्यादा शुद्ध प्लेटिनम को छोडक़र अन्य किसी भी मिश्रण के तहत प्लेटिनम के आयात पर प्रतिबंध होगा। भारत-यूएई सेपा समझौते के तहत भारत को यूएई से सालाना 200 मीट्रिक टन सोना 1 परसेंट रियायत के साथ आयात कराने की इजाजत है। हालांकि इसके लिए टैरिफ रेट कोटा लाइसेंस होना जरूरी है।


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