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04-12-2025

31 अक्टूबर तक डीपीआईआईटी ने 1,97,692 स्टार्टअप को प्रदान की मान्यता

  •  संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है और इस वर्ष 31 अक्टूबर तक स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से 1,97,692 स्टार्टअप को मान्यता दी गई। स्टार्टअप इंडिया पहल 2016 में शुरू की गई थी, इसका उद्देश्य स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देना और भारत में इनोवेशन व उद्यमिता के लिए एक मजबूत एवं इंक्लूसिव इकोसिस्टम का निर्माण करना है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 21.11 लाख करोड़ डायरेक्ट जॉब्ज का सृजन किया। डीपीआईआईटी की ओर से महाराष्ट्र में 34,444 एंटिटी को स्टार्टअप के रूप में मान्यता मिली और इन्होंने 3.76 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार के प्रयासों ने भारत में स्टार्टअप की संख्या को बढ़ाने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, भारत में कुल मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर/ पार्टनर होने की जानकारी दी गई। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की मौजूदगी देश के हर राज्य और केंद्र शासित में है। केंद्र के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार तीन फ्लैगशिप स्कीम को भी लागू कर रही है। हर सेक्टर के स्टार्टअप्स को उनके बिजनेस साइकिल के अलग-अलग स्टेज पर फंडिंग अवसर और समर्थन प्रदान करने के लिए इन स्कीम को लागू किया जा रहा है, जिसमें फंड ऑफ फंड फॉर स्टार्टअप्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और के्रडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (सीजीएसएस) शामिल है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, एफएफएस के तहत 31 अक्टूबर तक 144 अल्टर्नेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) को 10,000 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है। एसआईएसएफएस के तहत 219 इनक्यूबेटर्स को 945 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया गया है और सीजीएसएस के तहत स्टार्टअप उधारकर्ता के लिए 755.25 करोड़ रुपए के 311 लोन की गारंटी दी गई है।

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31 अक्टूबर तक डीपीआईआईटी ने 1,97,692 स्टार्टअप को प्रदान की मान्यता

 संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है और इस वर्ष 31 अक्टूबर तक स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से 1,97,692 स्टार्टअप को मान्यता दी गई। स्टार्टअप इंडिया पहल 2016 में शुरू की गई थी, इसका उद्देश्य स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देना और भारत में इनोवेशन व उद्यमिता के लिए एक मजबूत एवं इंक्लूसिव इकोसिस्टम का निर्माण करना है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 21.11 लाख करोड़ डायरेक्ट जॉब्ज का सृजन किया। डीपीआईआईटी की ओर से महाराष्ट्र में 34,444 एंटिटी को स्टार्टअप के रूप में मान्यता मिली और इन्होंने 3.76 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार के प्रयासों ने भारत में स्टार्टअप की संख्या को बढ़ाने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, भारत में कुल मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर/ पार्टनर होने की जानकारी दी गई। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की मौजूदगी देश के हर राज्य और केंद्र शासित में है। केंद्र के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार तीन फ्लैगशिप स्कीम को भी लागू कर रही है। हर सेक्टर के स्टार्टअप्स को उनके बिजनेस साइकिल के अलग-अलग स्टेज पर फंडिंग अवसर और समर्थन प्रदान करने के लिए इन स्कीम को लागू किया जा रहा है, जिसमें फंड ऑफ फंड फॉर स्टार्टअप्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और के्रडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (सीजीएसएस) शामिल है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, एफएफएस के तहत 31 अक्टूबर तक 144 अल्टर्नेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) को 10,000 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है। एसआईएसएफएस के तहत 219 इनक्यूबेटर्स को 945 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया गया है और सीजीएसएस के तहत स्टार्टअप उधारकर्ता के लिए 755.25 करोड़ रुपए के 311 लोन की गारंटी दी गई है।


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