TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

01-12-2025

तेजी से बढ़ती कॉफी इंडस्ट्री का फ्यूचर भी उज्जवल

  •  कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत कॉफी का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक है और ग्लोबल कॉफी प्रोडक्शन में लगभग 3.5 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके अलावा, देश हर वर्ष लगभग 3.6 लाख टन कॉफी उत्पाद करता है, जिसका लगभग 70 प्रतिशत 128 देशों को निर्यात किया जाता है, जो भारतीय कॉफी की बढ़ती ग्लोबल डिमांड को दिखाता है। केंद्र के अनुसार, कॉफी सेक्टर भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह सेक्टर दो मिलियन से अधिक लोगों की रोजी-रोटी चलाता है, जो खेती, प्रोसेसिंग और व्यापार में लगे हुए हैं। भारत में कॉफी क्षेत्र की बात करें तो भारत में कॉफी इंडस्ट्री मुख्य रूप से कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे कॉफी उगाने वाले बड़े राज्यों में है, जो मिलकर देश के कुल कॉफी उत्पादन का लगभग 96 प्रतिशत हिस्सा हैं। इनमें कर्नाटक 2,80,275 मीट्रिक टन के प्रोडक्शन के साथ सबसे आगे है, इसके बाद केरल और तमिलनाडु का स्थान आता है। केंद्र के अनुसार, भारत कॉफी बनाने वाले देशों में पांचवां सबसे बड़ा कॉफी निर्यातक है और दुनिया भर के कॉफी बनाने वाले देशों से होने वाले कुल कॉफी निर्यात में इसका हिस्सा लगभग 5 प्रतिशत है। पिछले चार वर्षों में भारत का कॉफी निर्यात लगातार अमेरिकी डॉलर एक अरब से अधिक रहा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड अमेरिकी डॉलर 1.8 अरब तक पहुंच गया है। इससे पहले वर्ष के 1.29 अरब अमेरिकी डॉलर से यह 40 प्रतिशत की शानदार बढ़त को दर्शाता है। वैश्विक भू-राजनैतिक चुनौतियों के बावजूद भारत का निर्यात इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में 1.07 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो कि 2025 की समान अवधि की तुलना में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कॉफी का बहुत अधिक आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है। भारतीय कॉफी के लिए टॉप 5 एक्सपोर्ट डेस्टीनेशंस में इटली, जर्मनी, बेल्जियम, रशियन फेडरेशन और यूनाइटेड अरब अमीरात का नाम आता है। हाल ही में केंद्र की ओर से कॉफी एक्सट्रैक्ट, एसेंस और इंस्टेंट कॉफी पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह देश के कॉफी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे घरेलू मार्केट बेस मजबूत होगा और भारत में प्रति व्यक्ति कॉफी की खपत बढ़ेगी। भारत की तेजी से बढ़ती कॉफी इंडस्ट्री का भविष्य भी उज्जवल बना हुआ है। अनुमान है कि 2028 तक पूरा मार्केट 8.9 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ेगा। इसके अलावा, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया ने 2047 तक देश में कॉफी प्रोडक्शन को 9 लाख टन तक बढ़ाने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है।

Share
तेजी से बढ़ती कॉफी इंडस्ट्री का फ्यूचर भी उज्जवल

 कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत कॉफी का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक है और ग्लोबल कॉफी प्रोडक्शन में लगभग 3.5 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके अलावा, देश हर वर्ष लगभग 3.6 लाख टन कॉफी उत्पाद करता है, जिसका लगभग 70 प्रतिशत 128 देशों को निर्यात किया जाता है, जो भारतीय कॉफी की बढ़ती ग्लोबल डिमांड को दिखाता है। केंद्र के अनुसार, कॉफी सेक्टर भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह सेक्टर दो मिलियन से अधिक लोगों की रोजी-रोटी चलाता है, जो खेती, प्रोसेसिंग और व्यापार में लगे हुए हैं। भारत में कॉफी क्षेत्र की बात करें तो भारत में कॉफी इंडस्ट्री मुख्य रूप से कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे कॉफी उगाने वाले बड़े राज्यों में है, जो मिलकर देश के कुल कॉफी उत्पादन का लगभग 96 प्रतिशत हिस्सा हैं। इनमें कर्नाटक 2,80,275 मीट्रिक टन के प्रोडक्शन के साथ सबसे आगे है, इसके बाद केरल और तमिलनाडु का स्थान आता है। केंद्र के अनुसार, भारत कॉफी बनाने वाले देशों में पांचवां सबसे बड़ा कॉफी निर्यातक है और दुनिया भर के कॉफी बनाने वाले देशों से होने वाले कुल कॉफी निर्यात में इसका हिस्सा लगभग 5 प्रतिशत है। पिछले चार वर्षों में भारत का कॉफी निर्यात लगातार अमेरिकी डॉलर एक अरब से अधिक रहा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड अमेरिकी डॉलर 1.8 अरब तक पहुंच गया है। इससे पहले वर्ष के 1.29 अरब अमेरिकी डॉलर से यह 40 प्रतिशत की शानदार बढ़त को दर्शाता है। वैश्विक भू-राजनैतिक चुनौतियों के बावजूद भारत का निर्यात इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में 1.07 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो कि 2025 की समान अवधि की तुलना में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कॉफी का बहुत अधिक आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व है। भारतीय कॉफी के लिए टॉप 5 एक्सपोर्ट डेस्टीनेशंस में इटली, जर्मनी, बेल्जियम, रशियन फेडरेशन और यूनाइटेड अरब अमीरात का नाम आता है। हाल ही में केंद्र की ओर से कॉफी एक्सट्रैक्ट, एसेंस और इंस्टेंट कॉफी पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह देश के कॉफी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे घरेलू मार्केट बेस मजबूत होगा और भारत में प्रति व्यक्ति कॉफी की खपत बढ़ेगी। भारत की तेजी से बढ़ती कॉफी इंडस्ट्री का भविष्य भी उज्जवल बना हुआ है। अनुमान है कि 2028 तक पूरा मार्केट 8.9 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ेगा। इसके अलावा, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया ने 2047 तक देश में कॉफी प्रोडक्शन को 9 लाख टन तक बढ़ाने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news