TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

06-12-2025

चालू क्वार्टर में इंटरनेशनल विजिटर्स की संख्या बढऩे की सम्भावना

  •  अक्टूबर से दिसम्बर के बीच इन्डिया में पीक ट्यूरिस्ट सीजन रहता है। इस बार यह सीजन ग्लोबल ट्रैवल मैप के लिये टेस्टिंग टाइम माना जा रहा है। भारत के संदर्भ में देखें तो यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार फॉरिन ट्यूरिस्ट अराइवल्स प्री-कोविड लेवल को क्रॉस कर जायेंगे। अराइवल्स बढ़ रहे हैं लेकिन 2019 मार्क को क्रॉस नहीं कर रहे हैं, इस बार यह उम्मीद लगाई जा रही है। कोविड के बाद डोमेस्टिक ट्यूरिस्ट ग्राफ तो शानदार तरीके से बढ़ा लेकिन फॉरिन विजिटर्स उतनी तेजी से नहीं बढ़े। ट्यूरिज्म मिनिस्ट्री के डेटा के अनुसार वर्ष 2019 में यह संख्या 10.93 मिलियन रही थी लेकिन कोविड ने ग्राफ को नीचे गिरा दिया। वर्ष 2022 में 6.44 मिलियन, 2023 में 9.52 मिलियन और 2024 में 9.95 मिलियन रहे। अगस्त, 2025 डेटा के अनुसार यह संख्या 5.6 मिलियन रही है जबकि गत वर्ष समान अवधि में 6.3 मिलियन रही थी। कारणों पर जायें तो चालू वर्ष में पहलगाम आतंकवादी हमला हुआ, इससे जियोपॉलिटिकल अनिश्चिता की स्थिति बनी। दूसरा इस बार मानसून एक्टीविटी लम्बे समय तक चली, बाढ़, भूस्खलन की स्थितियां रही। जुलाई-सितम्बर तिमाही में रिवाइवल के चांस धूमिल हो गये। दिल्ली में आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिये ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी। इसके बावजूद अब चालू क्वार्टर में रिवाइवल के चांस की उम्मीद है। आईएटीओ के पे्रसीडेंट के अनुसार नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, वेस्ट एशिया और साउथ ईस्ट एशिया से अराइवल्स हाई रहने की सम्भावना है। उनके अनुसार लांग स्टे, हाई पर कैपिटा स्पेंडिंग, एक्सपेरीमेंटल, सस्टेनेबल ट्यूरिज्म की डिमांड मजबूत बनेगी। अनुमानों के अनुसार 2025 को 10-10.5 मिलियन फॉरिन विजिटर्स के साथ क्लोज किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो हम 2019 के बैंचमार्क के करीब पहुंच जायेंगे। ऐसा इसलिये भी सम्भव है क्योंकि लम्बे समय के बाद चीन और भारत के बीच एयर कनेक्टिविटी शुरू हुई है। ट्यूर ऑपरेटर्स के अनुसार बिजनेस, बुद्धिस्ट सर्किट, लीजर और एमआईसीई के लिये चीनी ट्रेवलर्स की क्वेरीज आ रही हैं। चीन बड़ा मार्केट है और तेजी से सोर्स मार्केट बन सकता है। आईएचसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के अनुसार भारत दुनिया की पांचवी बढ़ी इकोनॉमी है और तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में यहां पर बिजनेस एक्टीविटी बढ़ रही है। सीमेंस, बॉश, बेयर गु्रप आदि के बिजनेस यहां पर स्थापित हैं और विस्तार कर रहे हैं। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की संख्या बढ़ रही और एमआईसीई सेक्टर का योगदान भी बढ़ रहा है। पूर्व जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि गत एक दशक में इन्डिया ट्यूरिज्म का मेजर प्रमोशन कैम्पेन नहीं आया है। ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये ब्राण्डिंग और मार्केटिंग कैम्पेन की जरूरत है। हाल के वर्षों में कॉम्प्लेक्स वीजा प्रोसेस ने भी फॉरिन विजिटर्स की संख्या को प्रभावित किया है। उनके अनुसार इनबाउंड ट्रैवल की क्वालिटी में सुधार आया है, विजिटर्स अब लांग स्टे करते हैं, ज्यादा खर्च करते हैं। वैलनेस रीट्रीट्स, हैरीटेज सर्किट्स, एडवेंचर ट्यूरिज्म, रूरल और कम्यूनिटी बेस्ड ट्रैवल की डिमांड बढ़ रही है। अब गोल्डन ट्रायंगल जैसे ट्रेडीशनल रूट्स से आगे ट्रैवलर्स नॉर्थ ईस्ट, साउथ इन्डिया, हिमालियन राज्यों में भी विजिट कर रहे हैं। इसका कारण है नॉर्थ ईस्ट रीजन के लिये एयर कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है।

Share
चालू क्वार्टर में इंटरनेशनल विजिटर्स की संख्या बढऩे की सम्भावना

 अक्टूबर से दिसम्बर के बीच इन्डिया में पीक ट्यूरिस्ट सीजन रहता है। इस बार यह सीजन ग्लोबल ट्रैवल मैप के लिये टेस्टिंग टाइम माना जा रहा है। भारत के संदर्भ में देखें तो यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार फॉरिन ट्यूरिस्ट अराइवल्स प्री-कोविड लेवल को क्रॉस कर जायेंगे। अराइवल्स बढ़ रहे हैं लेकिन 2019 मार्क को क्रॉस नहीं कर रहे हैं, इस बार यह उम्मीद लगाई जा रही है। कोविड के बाद डोमेस्टिक ट्यूरिस्ट ग्राफ तो शानदार तरीके से बढ़ा लेकिन फॉरिन विजिटर्स उतनी तेजी से नहीं बढ़े। ट्यूरिज्म मिनिस्ट्री के डेटा के अनुसार वर्ष 2019 में यह संख्या 10.93 मिलियन रही थी लेकिन कोविड ने ग्राफ को नीचे गिरा दिया। वर्ष 2022 में 6.44 मिलियन, 2023 में 9.52 मिलियन और 2024 में 9.95 मिलियन रहे। अगस्त, 2025 डेटा के अनुसार यह संख्या 5.6 मिलियन रही है जबकि गत वर्ष समान अवधि में 6.3 मिलियन रही थी। कारणों पर जायें तो चालू वर्ष में पहलगाम आतंकवादी हमला हुआ, इससे जियोपॉलिटिकल अनिश्चिता की स्थिति बनी। दूसरा इस बार मानसून एक्टीविटी लम्बे समय तक चली, बाढ़, भूस्खलन की स्थितियां रही। जुलाई-सितम्बर तिमाही में रिवाइवल के चांस धूमिल हो गये। दिल्ली में आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिये ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी। इसके बावजूद अब चालू क्वार्टर में रिवाइवल के चांस की उम्मीद है। आईएटीओ के पे्रसीडेंट के अनुसार नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, वेस्ट एशिया और साउथ ईस्ट एशिया से अराइवल्स हाई रहने की सम्भावना है। उनके अनुसार लांग स्टे, हाई पर कैपिटा स्पेंडिंग, एक्सपेरीमेंटल, सस्टेनेबल ट्यूरिज्म की डिमांड मजबूत बनेगी। अनुमानों के अनुसार 2025 को 10-10.5 मिलियन फॉरिन विजिटर्स के साथ क्लोज किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो हम 2019 के बैंचमार्क के करीब पहुंच जायेंगे। ऐसा इसलिये भी सम्भव है क्योंकि लम्बे समय के बाद चीन और भारत के बीच एयर कनेक्टिविटी शुरू हुई है। ट्यूर ऑपरेटर्स के अनुसार बिजनेस, बुद्धिस्ट सर्किट, लीजर और एमआईसीई के लिये चीनी ट्रेवलर्स की क्वेरीज आ रही हैं। चीन बड़ा मार्केट है और तेजी से सोर्स मार्केट बन सकता है। आईएचसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के अनुसार भारत दुनिया की पांचवी बढ़ी इकोनॉमी है और तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में यहां पर बिजनेस एक्टीविटी बढ़ रही है। सीमेंस, बॉश, बेयर गु्रप आदि के बिजनेस यहां पर स्थापित हैं और विस्तार कर रहे हैं। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की संख्या बढ़ रही और एमआईसीई सेक्टर का योगदान भी बढ़ रहा है। पूर्व जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि गत एक दशक में इन्डिया ट्यूरिज्म का मेजर प्रमोशन कैम्पेन नहीं आया है। ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये ब्राण्डिंग और मार्केटिंग कैम्पेन की जरूरत है। हाल के वर्षों में कॉम्प्लेक्स वीजा प्रोसेस ने भी फॉरिन विजिटर्स की संख्या को प्रभावित किया है। उनके अनुसार इनबाउंड ट्रैवल की क्वालिटी में सुधार आया है, विजिटर्स अब लांग स्टे करते हैं, ज्यादा खर्च करते हैं। वैलनेस रीट्रीट्स, हैरीटेज सर्किट्स, एडवेंचर ट्यूरिज्म, रूरल और कम्यूनिटी बेस्ड ट्रैवल की डिमांड बढ़ रही है। अब गोल्डन ट्रायंगल जैसे ट्रेडीशनल रूट्स से आगे ट्रैवलर्स नॉर्थ ईस्ट, साउथ इन्डिया, हिमालियन राज्यों में भी विजिट कर रहे हैं। इसका कारण है नॉर्थ ईस्ट रीजन के लिये एयर कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news