भारत में मॉल ऑपरेटर्स को फाइनेंशियल ईयर 2026 में 12-14 प्रतिशत का हैल्दी राजस्व वृद्धि प्राप्त करने का अनुमान है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई है। क्रिसिल रेटिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रेवेन्यू ग्रोथ गत दो वित्त वर्ष में खरीदे गए मॉल की संख्या में वृद्धि, प्लान किए गए एडिशन और एन्युअल रेंटल में बढ़ोतरी की वजह से देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कारकों के साथ रेवेन्यू में डबल डिजिट में बढ़ोतरी के साथ अगले फाइनेंशियल ईयर में भी यह गति जारी रहने की संभावना रहेगी। साथ ही, हेल्दी ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस की वजह से लेवरेज कंट्रोल में रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी रेट कट, निरंतर इकोनॉमिक ग्रोथ, कम महंगाई, ब्याज दर, नॉर्मल से बेहतर साउथवेस्ट मानसून से उपभोग बढऩे का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में ओवरऑल ऑक्यूपेंसी 3.5 प्रतिशत से बढक़र 93.5 प्रतिशत हो गई और अगले वित्त वर्ष में 94-95 प्रतिशत तक बढऩे का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गत दो वित्त वर्ष में कमीशन किए गए या खरीदे गए मॉल में ऑपरेटर्स द्वारा ऑक्यूपेंसी को बढ़ाने से भी इसमे वृद्धि होगी। क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर ने कहा कि ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक रूट से ऐड किए गए एसेट्स बड़े मॉल डेवलपर्स और रीट्स के लिए ग्रोथ ड्राइवर रहे हैं। 2025 तक दो वित्त वर्ष में हमारे सैंपल सेट में मॉल ऑपरेटर्स ने टीयर 2 शहरों में अपने रिटेल स्पेस को 3 मिलियन स्कायर फुट तक बढ़ाया है, जो कि उनके विकास और डाइवर्सिफिकेशन स्ट्रेटेजी का हिस्सा था। उन्होंने आगे कहा कि 400बीपीएस तक की रेवेन्यू ग्रोथ प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त 4.5-5 मिलियन स्कायर फुट वित्त वर्ष 27 तक जोड़े जाने का अनुमान है। क्रिसिल ने भारत के 11 टीयर-1 और टीयर-2 मॉल का एनालिसिस किया, जो कि भारत के एक तिहाई ग्रेड ए मॉल का हिस्सा बनाते हैं। क्रिसिल ने कहा कि बेहतर होती ऑक्यूपेंसी से रेंटल इनकम में निरंतर वृद्धि और हेल्दी बैलेंस शीट से के्रडिट प्रोफाइल को स्टेबल रहेगी।