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11-10-2025

इंडिया बना तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम

  •  भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है और 2025 के पहले नौ महीनों में यह 1.6 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाने में कामयाब रहा है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार, स्टार्टअप फंडिंग के मामले में भारत अब केवल अमेरिका और ब्रिटेन से पीछे है, जो ग्लोबल लेवल पर भारत के फिनटेक क्षेत्र के बढ़ते महत्व को दिखाता है। अर्ली स्टेज स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 598 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जो कि 2024 के 555 मिलियन डॉलर के आंकड़े से अधिक है, जो दर्शाता है कि निवेशकों का विश्वास भारतीय फिनटेक सेक्टर में बना हुआ है। हालांकि, लेट-स्टेज फंडिंग 2025 के पहले नौ महीनें में कम होकर 863 मिलियन डॉलर पर पहुंच गई है, जो कि 2024 में समान अवधि में 1.2 अरब डॉलर पर थी। इसके साथ, सीड-स्टेज फंडिंग कम होकर 129 मिलियन डॉलर हो गई है। समीक्षा अवधि में दो स्टार्टअप 100 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाने में कामयाब रहे हैं, जिसमें ग्रो ने सीरीज एफ राउंड में 202 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जबकि वीवर सर्विसेज ने 170 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।  इस अवधि में 23 अधिग्रहण हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली वृद्धि है, जिसमें सबसे बड़ा अधिग्रहण डिजीनेक्स द्वारा रिजल्टिक्स का 2 अरब डॉलर में अधिग्रहण था। बेंगलुरु फिनटेक फंडिंग के प्राइमरी हब के रूप में अपना दबदबा बनाए हुए है, जिसकी कुल निवेश में 52 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही है, जबकि मुंबई 22 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। ट्रैक्सन की सह-संस्थापक ने कहा कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम फंडिंग में नरमी के दौर के बावजूद मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में लगातार सक्रियता और नए यूनिकॉर्न का उदय इस क्षेत्र की दीर्घकालिक क्षमता में निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। उनके अनुसार प्रमुख इनोवेशन हब के रूप में बेंगलुरु और मुंबई का प्रभुत्व भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की परिपक्वता को दिखाता है।

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इंडिया बना तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम

 भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है और 2025 के पहले नौ महीनों में यह 1.6 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाने में कामयाब रहा है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार, स्टार्टअप फंडिंग के मामले में भारत अब केवल अमेरिका और ब्रिटेन से पीछे है, जो ग्लोबल लेवल पर भारत के फिनटेक क्षेत्र के बढ़ते महत्व को दिखाता है। अर्ली स्टेज स्टार्टअप्स ने 2025 में अब तक 598 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जो कि 2024 के 555 मिलियन डॉलर के आंकड़े से अधिक है, जो दर्शाता है कि निवेशकों का विश्वास भारतीय फिनटेक सेक्टर में बना हुआ है। हालांकि, लेट-स्टेज फंडिंग 2025 के पहले नौ महीनें में कम होकर 863 मिलियन डॉलर पर पहुंच गई है, जो कि 2024 में समान अवधि में 1.2 अरब डॉलर पर थी। इसके साथ, सीड-स्टेज फंडिंग कम होकर 129 मिलियन डॉलर हो गई है। समीक्षा अवधि में दो स्टार्टअप 100 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाने में कामयाब रहे हैं, जिसमें ग्रो ने सीरीज एफ राउंड में 202 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जबकि वीवर सर्विसेज ने 170 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।  इस अवधि में 23 अधिग्रहण हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली वृद्धि है, जिसमें सबसे बड़ा अधिग्रहण डिजीनेक्स द्वारा रिजल्टिक्स का 2 अरब डॉलर में अधिग्रहण था। बेंगलुरु फिनटेक फंडिंग के प्राइमरी हब के रूप में अपना दबदबा बनाए हुए है, जिसकी कुल निवेश में 52 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही है, जबकि मुंबई 22 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। ट्रैक्सन की सह-संस्थापक ने कहा कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम फंडिंग में नरमी के दौर के बावजूद मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में लगातार सक्रियता और नए यूनिकॉर्न का उदय इस क्षेत्र की दीर्घकालिक क्षमता में निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। उनके अनुसार प्रमुख इनोवेशन हब के रूप में बेंगलुरु और मुंबई का प्रभुत्व भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की परिपक्वता को दिखाता है।


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