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06-10-2025

फेस्टिव सीजन में 75,000 करोड़ की सेल्स की उम्मीद

  •  माल एवं वस्तु कर (जीएसटी) दरों में कटौती और सरकार द्वारा स्वदेशी को बढ़ावा दिए जाने से इस साल दिवाली पर कुल त्योहारी कारोबार 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह अनुमान लगाया। कैट के महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने एक कहा कि इस वर्ष की दिवाली पर दिल्ली में अब तक की सबसे अधिक बिक्री होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल आह्वान पर जोरदार प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बाजार भारतीय सामानों से भरा पड़ा है और लोग स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। कैट ने हाल ही में दिल्ली समेत 35 प्रमुख शहरों में व्यापारिक रुझान जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया। इसके नतीजों से पता चला कि उपभोक्ता व्यवहार में बड़ा बदलाव आया है और सजावटी सामान, घरेलू वस्तुएं, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोजमर्रा के उत्पादों में भारतीय ब्रांडों का दबदबा बढ़ गया है। चीनी सामान अब बाजार से लगभग गायब हैं। उन्होंने कहा कि इम्पोर्ट्र्स ने चीन से दिवाली से संबंधित सामान लाना बंद कर दिया है। 2020 में गलवान की घटना के बाद से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ही स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। कैट ने कहा कि नवरात्रि से शुरू हुआ त्योहारी सीजन दिवाली और छठ पूजा तथा तुलसी विवाह तक जारी रहेगा, जिससे व्यापार के लिए विस्तारित अवसर उपलब्ध होंगे। इस वर्ष दिवाली सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारत की आर्थिक मजबूती का उत्सव है। भारतीय वस्तुओं पर खर्च किया गया प्रत्येक रुपया देश की वृद्धि में योगदान देता है और स्थानीय कारीगरों, विनिर्माताओं और व्यापारियों को समर्थन देता है। कैट ने कहा कि दिल्ली बाजार की तेज रफ्तार देशभर के रुझान को दर्शाती है। जहां इस त्योहारी सीजन में पूरे देश में बिक्री 4.75 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने का अनुमान है, जो देश की खुदरा अर्थव्यवस्था के लिए एक नया रिकॉर्ड साबित होगा।

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फेस्टिव सीजन में 75,000 करोड़ की सेल्स की उम्मीद

 माल एवं वस्तु कर (जीएसटी) दरों में कटौती और सरकार द्वारा स्वदेशी को बढ़ावा दिए जाने से इस साल दिवाली पर कुल त्योहारी कारोबार 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह अनुमान लगाया। कैट के महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने एक कहा कि इस वर्ष की दिवाली पर दिल्ली में अब तक की सबसे अधिक बिक्री होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल आह्वान पर जोरदार प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बाजार भारतीय सामानों से भरा पड़ा है और लोग स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। कैट ने हाल ही में दिल्ली समेत 35 प्रमुख शहरों में व्यापारिक रुझान जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया। इसके नतीजों से पता चला कि उपभोक्ता व्यवहार में बड़ा बदलाव आया है और सजावटी सामान, घरेलू वस्तुएं, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोजमर्रा के उत्पादों में भारतीय ब्रांडों का दबदबा बढ़ गया है। चीनी सामान अब बाजार से लगभग गायब हैं। उन्होंने कहा कि इम्पोर्ट्र्स ने चीन से दिवाली से संबंधित सामान लाना बंद कर दिया है। 2020 में गलवान की घटना के बाद से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ही स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। कैट ने कहा कि नवरात्रि से शुरू हुआ त्योहारी सीजन दिवाली और छठ पूजा तथा तुलसी विवाह तक जारी रहेगा, जिससे व्यापार के लिए विस्तारित अवसर उपलब्ध होंगे। इस वर्ष दिवाली सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारत की आर्थिक मजबूती का उत्सव है। भारतीय वस्तुओं पर खर्च किया गया प्रत्येक रुपया देश की वृद्धि में योगदान देता है और स्थानीय कारीगरों, विनिर्माताओं और व्यापारियों को समर्थन देता है। कैट ने कहा कि दिल्ली बाजार की तेज रफ्तार देशभर के रुझान को दर्शाती है। जहां इस त्योहारी सीजन में पूरे देश में बिक्री 4.75 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने का अनुमान है, जो देश की खुदरा अर्थव्यवस्था के लिए एक नया रिकॉर्ड साबित होगा।


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