भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने भारत की ब्रॉडकास्टिंग और मीडिया इंडस्ट्री में विकास के अगले चरण को गति देने के लिए बैलेंस्ड रेगुलेशन और इनोवेशन की आवश्यकता पर बल दिया है। फिक्की फ्रेम्स के 25वें संस्करण को संबोधित करते हुए, कहा कि भारत के मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (एमएंडई) सेक्टर ने अर्थव्यवस्था में 2024 में 2.5 लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया और 2027 तक इसके 3 लाख करोड़ रुपए के पार जाने का अनुमान है। अकेले टेलीविजन एंड ब्रॉडकास्टिंग सेगमेंट ने गत वर्ष लगभग 68,000 करोड़ रुपए कमाए। उन्होंने इस सेक्टर के एनालॉग से डिजिटल और अब 4के ब्रॉडकास्टिंग में परिवर्तन पर भी प्रकाश डाला, जिसे स्मार्ट टीवी, 5जी और ओटीटी प्लेटफॉर्म के विकास से बल मिला है, जो 60 करोड़ से अधिक यूजर्स को सर्विस दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस उछाल के बावजूद, 19 करोड़ टीवी घरों में लीनियर टेलीविजन अभी भी प्रमुख माध्यम बना हुआ है। ट्राई की अप्रोच इनोवेशन और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के माध्यम से व्यवस्थित विकास को सक्षम बनाना है, साथ ही उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता और छोटे प्लेयर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लाहोटी ने एफएम इकोसिस्टम को मजबूत करने और भारत के ऑडियो परिदृश्य को आधुनिक बनाने के लिए प्रमुख भारतीय शहरों में डिजिटल रेडियो प्रसारण शुरू करने के लिए ट्राई की सिफारिशों पर भी प्रकाश डाला। ट्राई ने पिछले सप्ताह डिजिटल प्रसारण नीति पर सिफारिशें जारी कीं, जो एनालॉग एफएम रेडियो चैनलों को उसी फ्रिक्वेंसी पर एक डिजिटल परत जोडऩे की अनुमति देती हैं। निजी रेडियो प्रसारकों के लिए एक डिजिटल रेडियो प्रसारण नीति तैयार करने से जुड़ी सिफारिशों में देशभर में एक ही तकनीकी मानक और 13 शहरों में नई फ्रिक्वेंसी की नीलामी की भी बात कही गई है। इस कदम को भारत के एफएम रेडियो के डिजिटल बदलाव की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।