भारत का स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा अपना आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) मॉडल अगले साल फरवरी में होने वाले ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट’ से पहले तैयार हो जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस. कृष्णन ने यह जानकारी दी। कृष्णन ने यहां कहा कि एआई क्षेत्र में देर से प्रवेश करने के बावजूद भारत ने अपनी कंप्यूटिंग अवसंरचना को तेजी से बढ़ाया है और 10,000 जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) के लक्ष्य के मुकाबले 38,000 जीपीयू की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि भारत अपने आधारभूत मॉडल तैयार कर रहा है। वर्ष के अंत तक हमें अपना पहला पूरी तरह भारतीय आधारभूत मॉडल मिलने की उम्मीद है। इंडिया एआई समिट होने तक भारत का स्वायत्त मॉडल पेश कर देने की योजना है। स्वायत्त एआई मॉडल भारत में विकसित ऐसा स्वदेशी एआई तंत्र होगा जो पूरी तरह भारतीय डेटा पर प्रशिक्षित होगा और देश के भीतर स्थित सर्वरों पर ही संचालित किया जाएगा। सरकार ने ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026’ का आयोजन 19-20 फरवरी को करने की घोषणा की है। कृष्णन ने कहा कि सरकार एआई के संभावित प्रभावों को लेकर सतर्क है और ऐसे मंच विकसित करना चाहती है जो समावेशी हों। उन्होंने बताया कि सरकार क्षेत्र-विशिष्ट छोटे एआई मॉडल विकसित करने पर भी जोर दे रही है, ताकि प्रौद्योगिकी का लाभ उन क्षेत्रों तक भी पहुंचे जहां इसकी सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार कंप्यूटिंग क्षमता बढ़ा रही है और भारतीय कंपनियों के लिए अधिक जीपीयू उपलब्ध कराएगी। स्वदेशी जीपीयू के विकास में प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कृष्णन ने कहा कि यह इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 के तहत सरकार के महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक होगा, जिस पर वर्तमान में चर्चा चल रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि भारत का स्वायत्त एआई मॉडल पूरी तरह भारतीय डेटा सेट पर प्रशिक्षित होगा और भारत में स्थित सर्वरों पर ही संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार 12 घरेलू कंपनियों को समर्थन दे रही है और इनमें से दो के आधारभूत मॉडल इस वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएंगे।