भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में शुरुआती समर्थन हासिल करने वाले स्टार्टअप म्यूज वियरेबल्स ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के साथ मिलकर देश का पहला वियरेबल भुगतान परिवेश पेश करने की तैयारी की है। कंपनी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस नई व्यवस्था के तहत उपयोगकर्ता अपनी स्मार्ट अंगूठी ‘रिंग वन’ को किसी भी एनएफसी-सक्षम भुगतान उपकरण पर टैप करके त्वरित और सुरक्षित भुगतान कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें फोन, कार्ड या वॉलेट किसी भी चीज जरूरत नहीं होगी। बेंगलुरु स्थित म्यूज वियरेबल्स की 200-सदस्यीय टीम उन्नत प्रौद्योगिकी वाले इस उत्पाद का डिजाइन और निर्माण कर रही है। कंपनी के को-फाउंडर एवं सीईओ के एलएन साई प्रशांत ने कहा कि हम विदेशी डिजिटल वॉलेट कंपनियों को चुनौती देने और भारत के लिए पूरी तरह स्वदेशी प्रौद्योगिकी तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। म्यूज वॉलेट से नकद-रहित भुगतान करना बेहद आसान और सुरक्षित होगा। अगले दो वर्षों में लाखों रुपे कार्डधारक इसका अनुभव ले सकेंगे। म्यूज वॉलेट किसी भी रुपे के्रडिट या डेबिट कार्ड को सुरक्षित डिजिटल टोकन में बदलकर सीधे ‘सिक्योर एलीमेंट’ (एसई) चिप में स्टोर करेगा। बैंकों के कार्ड और पासपोर्ट में इसी सुरक्षा स्तर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रशांत ने कहा कि ऐसा होने से कार्ड की संवेदनशील जानकारी फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम या ऐप से पूरी तरह अलग रहेगी। कंपनी की को-फाउंडर एवं मुख्य परिचालन अधिकारी प्रत्यूषा कामराजुगड्डा ने कहा कि हम भारत का पहला सिक्योर एलीमेंट टोकनीकरण वाला मंच बना रहे हैं। इस पर किसी फोन या वॉलेट से नहीं, सिर्फ अपनी अंगूठी टैप करें और भुगतान हो जाएगा।