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14-10-2025

ट्यूरिज्म सेगमेंट के सालाना 25% से अधिक की रेट से बढऩे का अनुमान

  •  केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है और इसके सालाना 25 प्रतिशत से अधिक की दर से बढऩे की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री शेखावत ने मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘एमपी ट्रैवल मार्ट’ को संबोधित करते हुए कहा कि इस बदलाव के मूल में यह विश्वास निहित है कि पर्यटन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है, न कि एक सहायक उद्योग। पर्यटन अब हमारे राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देता है। यह 8.4 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। भारत में गत वर्ष 2.20 करोड़ पर्यटक आए और डोमेस्टिक ट्रैवलर्स ने 2.94 अरब यात्राएं कीं। उन्होंने कहा कि कारीगरों को नए बाजार मिल रहे हैं, परिवार होम-स्टे चला रहे हैं, महिला उद्यमी इको-रिट्रीट बना रही हैं, स्थानीय युवा आत्मविश्वासी गाइड और मेजबान बन रहे हैं। इस बदलाव के मूल में यह विश्वास है कि पर्यटन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है, न कि कोई सहायक उद्योग, और राजमार्गों, हवाई अड्डों, अंतर्देशीय जलमार्गों और डिजिटल बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश ने देश भर में यात्रा को सुगम बनाया है। 

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ट्यूरिज्म सेगमेंट के सालाना 25% से अधिक की रेट से बढऩे का अनुमान

 केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है और इसके सालाना 25 प्रतिशत से अधिक की दर से बढऩे की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री शेखावत ने मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘एमपी ट्रैवल मार्ट’ को संबोधित करते हुए कहा कि इस बदलाव के मूल में यह विश्वास निहित है कि पर्यटन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है, न कि एक सहायक उद्योग। पर्यटन अब हमारे राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देता है। यह 8.4 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। भारत में गत वर्ष 2.20 करोड़ पर्यटक आए और डोमेस्टिक ट्रैवलर्स ने 2.94 अरब यात्राएं कीं। उन्होंने कहा कि कारीगरों को नए बाजार मिल रहे हैं, परिवार होम-स्टे चला रहे हैं, महिला उद्यमी इको-रिट्रीट बना रही हैं, स्थानीय युवा आत्मविश्वासी गाइड और मेजबान बन रहे हैं। इस बदलाव के मूल में यह विश्वास है कि पर्यटन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है, न कि कोई सहायक उद्योग, और राजमार्गों, हवाई अड्डों, अंतर्देशीय जलमार्गों और डिजिटल बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश ने देश भर में यात्रा को सुगम बनाया है। 


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