लिंकन नॉटिलस में वही कॉन्सटिलेशन ग्रिल, राउंड बॉक्स स्टाइलिंग, स्टीयरिंग व्हील और लीनियर टेललाइट्स हैं जो 108 साल पुराने ब्रांड के लाइनअप में अन्य तीन लक्जरी एसयूवी में भी हैं। लेकिन ...अंदर की बात बिल्कुल अलग है। केबिन में न केवल वॉल टू वॉल पैनोरमिक कलर डिस्प्ले है बल्कि इसमें ऑटोमेकर का रीजुवेनेट प्रोग्राम भी है। लिंकन इसे कहती है यह मल्टी-सेंसरी स्ट्रेस रिडक्शन इनीशिएटिव। इसमें एलीमेंट्स का पूरा एरे है जिसमें एक स्टीरियो, 30-तरह से एडजस्ट होने वाली हॉट एंड कोल्ड मसाज करने वाली फ्रंट सीट्स, एयर फिल्ट्रेशन सिस्टम, मल्टीकलर्ड डोर/डैश/फुटवेल एम्बीयांट लाइटिंग, हाई डेफिनेशन (एचडी) स्क्रीन और एंटीग्रेटेड सेंट एटमाइजर है जो तीन इमर्सिव रिलैक्सेशन या रिजुविनेशन मोड्स में काम करता है और हर सैशन पांच और 10 मिनट तक चलता है। एक सीक्वेंस तो ऐसा है जो गाइडेड मेडिटेशन की सुविधा देता है और इसके लिए कंपनी ने काम (Calm) नाम के स्लीप एंड वेलनैस एप के साथ पार्टनरशिप की है। जब एक प्रोग्राम को सलेक्ट किया जाता है तो एक बैले डान्स की तरह एक सीरिज शुरू हो जाती है। सीट रिक्लाइन हो जाती है और टेम्परेचर एडजस्ट होने तक सीट धडक़ती है। गुदगुदाता न्यू एज स्पा म्यूजिक बजता है। और शानदार पैनोरेमिक सीन, जंगल, तारे, लहरें, बारिश और भंवर लार्ज साइज स्क्रीन पर उभरने लगते हैं। पूरी केबिन जंगल की हरी और समुद्री नीली या लावा लाल रोशनी केबिन में भर जाती है। और फिर आप बन जाते हैं अलादीन। मिस्टिक फॉरेस्ट, वायलेट कश्मीरी या ओजोनिक एज्योर जैसा आप चाहे...जैसा आपका मूड हो फ्रेगरेंस माहौल में समाने लगता है। लिंकन के मार्केटिंग लीड कहते हैं यह पूरी कोशिश बायर या कहें तो ओनर को फीचर्स देने भर की नहीं है बल्कि माहौल में रियलिस्टिक बदलाव का इकोसिस्टम तैयार करने के बारे में है। लेकिन अमेरिकी ऑटोमेकर लिंकन इस फेहरिश्त में अकेली नहीं है जो कारों में वेलनैस या कहें तो स्पा का पूरा एक्सपीरियंस देने के लिए आउट ऑफ द बॉक्स सोच और कर रही हैं। मर्सिडीज-बेंज का...एनरजाइजिंग कम्फर्ट, बीएमडब्ल्यू का...केयरिंग कार और जेनेसिस का...मूड क्यूरेटर प्रोग्राम इंटीरियर स्पेस को चिलेक्स और रिजुविनेट करने के स्पेस के रूप में पैसेंजर की मदद कर रहे हैं। चिलेक्स यानी चिल और रिलेक्स। मर्सिडीज-बेंज यूएसए के सेल्स और प्रॉडक्ट वाइस प्रेसिडेंट बार्ट हेरिंग का कहना है, अब रियल लक्जरी एस्थेटिक्स (डिजाइन एंड स्टाइल) और परफॉर्मेन्स से परे है। यह ड्राइवर और पैसेंजर के ओवरऑल वेलनैस के बारे में है। हालांकि अभी कोई रिसर्च या डेटा नहीं है कि जिन कारों में ये वेलनैस फीचर्स हैं तो यूजर इनका रेगुलर इस्तेमाल कर भी रहे हैं या नहीं। हो यह भी सकता है कि कंपनियां इन फीचर्स को ब्रांड पोजिशनिंग को अपग्रेड करने के लिए ऑफर कर रही हैं और ओनर या यूजर को इसकी इतनी ज्यादा जरूरत ही नहीं है। लिंकन के मैकेंजी के अनुसार, कस्टमर की कहानियां बताती हैं कि ड्राइवर इन वेलनैस फीचर्स का उपयोग ज्यादातर तब करते हैं जब गाड़ी खड़ी होती। जैसे कि जब वे अपने बच्चों को स्कूल से पिकअप कर रहे होते हैं या जब वे किसी अपॉइंटमेंट के लिए जल्दी पहुंचते हैं और वेटिंग लॉबी के बजाय कार में ही वेट करना चाहते हैं। लिंकन, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और जेनेसिस ऐसा कोई डेटा नहीं देते जिससे यह पता चल सके कि इन वेलनैस फीचर्स का कब और कितना इस्तेमाल किया गया। स्ट्रैटेजिक विजन के प्रेसिडेंट अलेक्जेंडर एडवर्ड्स का कहना है कि ये वेलनैस प्रोग्राम एक डिल्यूजन यानी भ्रम हैं। स्ट्रैटेजिक विजन एक कंसल्टिंग फर्म है जो न्यू कार बायर्स के साथ साइकोग्राफिक सर्वे करती है।
साइकोग्राफिक यानी साइकोलॉजिकल डेटा की स्टडी। एडवर्ड्स कहते हैं कि यह प्रॉडक्ट डिजाइनर और प्लानर्स का हैलुसिनेशन या मतिभ्रम है कि बायर गाड़ी आखिर खरीद क्यों रहे हैं। मैकिन्से एंड कंपनी की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में आधा ट्रिलियन डॉलर की वेलनैस इंडस्ट्री 5 से 10 परसेंट की ग्रोथ रेट से बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी मिलेनियल और जेन जी कंज्यूमर में बहुत अपील है। और यही कंज्यूमर ग्रुप लक्जरी ऑटोमेकर्स के लिए जैकपॉट है और इस जैकपॉट को जीतने के लिए वे काम कर रहे हैं। एनेलिस्ट कहते हैं कि यंग एंड हेल्दी बायर अब पुरानी जेनरेशन के मुकाबले ज्यादा हेल्थ एंड वेलनैस प्रॉडक्ट्स एंड सर्विसेस खरीद रहे हैं। और इसमें स्लीप (नींद) से लेकर न्यूट्रिशन, फिटनस से माइंडफुल तक सभी कैटेगरी शामिल हैं। इन लक्जरी ऑटोमोबाइल प्रोग्राम्स को अपनी पसंद के अनुसार कस्टमाइज करने की बायर की इच्छा को ट्रेक करने का साधन मिल जाता है। जेनेसिस के नॉर्थ अमेरिका के प्रॉडक्ट प्लानिंग के डायरेक्टर ऐश कोर्सन का कहना है, आज के बायर यह उम्मीद करते हैं कि उनके लिए हर चीन उनकी पसंद और प्रिफरेंस के हिसाब से हो। लेकिन यह सब स्मोक एंड रियरव्यू मिरर नहीं है। पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के हेल्थकेयर एर्गोनॉमिक्स एनालिटिक्स लैब में डेनी यू और जिंगकुन वांग की रिसर्च के अनुसार, इन-कार रिलैक्सेशन एक्सपीरियंस स्ट्रेस के सभी बड़े संकेतक (मार्कर) को कम करने में असरदार हो सकते हैं। एप्लाइड एर्गोनॉमिक्स जर्नल में छपे एक लेख के अनुसार जिन पैसेंजर ने काम में इन वेलनैस फीचर्स का इस्तेमाल किया उनकी पल्स और ब्रीदिंग रेट, मूड और इमोशन में इतना बदलाव नजर आया जिसे मापकर रिकॉर्ड में लिया जा सके। एडवर्ड्स के अनुसार, ऑटोमेकर ज्यादातर अपनी काबिलियत का दंभ भरने के लिए इन वेलनैस प्रोग्राम का उपयोग कर रहे हैं। जेनेसिस के कोर्सन का कहना है, भले ही पैसेंजर इनका रोजमर्रा इस्तेमाल नहीं कर रहे फिर भी यह इनोवेशन और कस्टमर-सेंट्रिक डिजाइन का सबूत तो है ही। एनेलिस्ट कहते हैं कि फ्यूचर में रिकम्बेंट ड्राइवर सीट, विंडशील्ड स्क्रीन, साउंड बाथ आदि की ट्रू बिजनस पोटेंशियल (बिकने की सही क्षमता) का अंदाजा तभी हो पाएगी जब सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक बेहतर और अधिक प्रचलित हो जाएगी। एडवर्ड्स का कहना है कि फिलहाल, कार कंपनियों को बेसिक्स पर काम करना चाहिए। जो लोग अपनी कारों में वेलनैस स्पा की तलाश कर रहे हैं, वे इन-वेहीकल योगा स्टूडियो नहीं चाहते बल्कि वे कार में कम्फर्ट एंड ई•ाी ऑफ ड्राइविंग तलाश कर रहे हैं।