18 वर्ष बाद वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया। मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने वाले बेहतर मौद्रिक नीति उपायों के साथ मजबूत आर्थिक वृद्धि का हवाला देते रेटिंग बढ़ायी गयी है। भारत की रेटिंग को निम्नतम निवेश स्तर ‘BBB-’ से बढ़ाने वाली एसएंडपी पहली वैश्विक रेटिंग एजेंसी है। एसएंडपी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता दे रहा है। यह मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करने के अभियान को बनाए रखते हुए, स्थायी सार्वजनिक वित्त प्रदान करने को लेकर सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’ बयान के अनुसार, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालीन ‘सॉवरेन’ क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर BBB और अल्पकालिक रेटिंग को ‘A-3’ से बढ़ाकर ‘A-2’ कर दिया है। अमेरिकी एजेंसी ने बयान में कहा कि दीर्घकालिक रेटिंग का परिदृश्य स्थिर है। एसएंडपी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी शुल्क का असर प्रबंधन के दायरे में होगा। भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है।’’ बयान के अनुसार, हालांकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन 50 प्रतिशत शुल्क (यदि लगाया जाता है) से वृद्धि पर कोई बड़ा असर पडऩे की आशंका नहीं है।