जेएसडब्ल्यू स्टील और क्रेडिटर्स की कमेटी भूषण पावर एंड स्टील मामले में अलग-अलग रिव्यू याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है। दरअसल 14 मई को एनसीएलटी में भूषण पावर एंड स्टील के लिक्विडेशन पर सुनवाई होनी है। रिपोर्ट्स के अनुसार आने वाले सप्ताहों में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिकाएं दायर किए जाने की उम्मीद है। रिव्यू याचिका मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कुछ गलतियों को सामने ला सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कुछ टिप्पणियां, खास तौर पर जेएसडब्ल्यू स्टील की धारा 29 मंजूरी के लिए जरूरी फॉर्म दाखिल करने वाले रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल के बारे में सही नहीं थीं। इसके अलावा न्यायालय ने ये भी देखा कि कुछ विवादित लेन-देन से बचने के लिए आवेदन रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल की ओर से दाखिल नहीं किए गए थे, जो शायद गलत हैं। भूषण पावर एंड स्टील के लिए क्रेडिटर्स की कमिटी की अगुवाई एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक, कोई भी पीडि़त पक्ष फैसला सुनाए जाने के 30 दिनों के भीतर समीक्षा याचिका दायर कर सकता है। भूषण पावर इंसॉल्वेंसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई को कहा था कि कंपनी की जेएसडब्ल्यू स्टील की ओर से खरीद कानून के अनुरूप नहीं थी और इसे रद्द किया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने संकट में फंसी स्टील कंपनी के लिक्विडेशन का भी आदेश दिया था। जेएसडब्ल्यू स्टील ने 2019 में इंसॉल्वेंसी एंड बैकरप्सी कोड के तहत भूषण पावर एंड स्टील को 19,700 करोड़ रुपये में खरीदा था। इसमें से 19,350 करोड़ रुपये बैंकों को और 350 करोड़ रुपये ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को चुकाए जाने थे। सुप्रीम कोर्ट के इस डील को रिजेक्ट कर देने के कारण बैंकों और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को ये राशि वापस करनी होगी और भूषण पावर को लिक्विडेट करना होगा।