भारत की सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के फ्यूचर आउटलुक को लेकर सालों से सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अब एडोबे के सीईओ शांतनु नारायण ने कह दिया है कि इकोनॉमी में भारत का अगला उछाल सॉफ्टवेयर में नहीं बल्कि क्रिएटिविटी में होगा। नारायण मुंबई के जियो वल्र्ड सेंटर में सप्ताहांत आयोजित वल्र्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) के पहले दिन बोल रहे थे। नारायण कहते हैं कि कंपनी भारत को दुनिया की रचनात्मकता की राजधानी बनाने में प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि एआई के सपोर्ट से भारत की क्रिएटिव इंडस्ट्री मैन्युफैक्चरिंग की तुलना में अधिक लोगों को रोजगार दे सकती है। उन्होंने आईटी सेवा उद्योग का जिक्र करते हुए कहा चार दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्देश्य मीडिया और मनोरंजन उद्योग की क्षमता को बढ़ावा देना है जो 2024 में 2.5 लाख करोड़ रुपये के राजस्व तक पहुंच गया। चार दशकों से अधिक समय से, एडोबे ने 20,000 से अधिक पत्रिकाओं और कई वीडियो के साथ डिजाइन करने में मदद की है। क्रिएटिविटी विद एआई के डायनामिक्स को भारत में देखना बहुत रोमांचक है। सीईओ ने कहा कि एक अरब से अधिक लोगों ने एडोबे सॉफ्टवेयर का उपयोग किया है और लोग इसका उपयोग रचनाकारों को सशक्त बनाने के लिए कर रहे हैं। एडोबे, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से स्किल डवलपमेंट में निवेश करेगी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी), प्रथम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और जियो के साथ पार्टनरशिप में दो करोड़ छात्रों और पांच लाख शिक्षकों तक पहुंचने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि वेव्स के सहयोग से एडोबे क्रिएटर चैलेंज जैसी पहलों के साथ भारतीय प्रतिभाओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर ले जाएगा। इससे पहले सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गूगल, एडोबे और एनवीडिया सहित सात बड़ी कंपनियां, युवा रचनाकारों को तैयार करने के लिए आईआईसीटी को विकसित करने के लिए सरकार के साथ सहयोग कर रही हैं। आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के लिए विकसित किए जा रहे इस संस्थान को केंद्र द्वारा 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और महाराष्ट्र सरकार ने जमीन उपलब्ध कराई है।