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13-06-2025

हाइपर लक्जरी के लिए इंडिया ग्रोथ की नर्सरी

  •  सात लाख रुपये के लिमिटेड एडिशन नाइकी-डिओर एयर जॉर्डन स्नीकर, पचास हजार रुपये का छोटा सा मॉन्स्टर सॉफ्ट टॉय या फिर 60 हजार रुपये का लिपग्लॉस जैसा आईफोन कवर...। आपके लिए बड़ी बात होंगे लेकिन देश में एक ऐसा तबका तैयार हो चुका है जो डीप पॉकेट दिखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। भारत के देसी इलीट्स की यंग जेनरेशन अब ना केवल स्टाइल कॉन्शियस हो रही है बल्कि कॉन्फिडेंट भी बहुत है। ये लोग अब सिर्फ ब्रांड नहीं, बल्कि हाइप खरीद रहे हैं। वो एक्सक्लूसिव प्रॉडक्ट्स जो मार्केट में मुश्किल से मिलते हैं और जिनकी सोशियल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा होती है। बड़े-बड़े फैशन हाउस, स्ट्रीटवीयर ब्रांड और सेलिब्रिटी कोलैबरेशन ऐसे एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट्स को लॉन्च करते हैं और खरीदने वालों में होड़ लग जाती है। इन लिमिटेड एडिशन का रीसेल मार्केट भी बहुत बड़ा है। कल्चर सर्कल और क्रेपडॉग क्रू जैसे प्लेटफॉम्र्स इन आइटम्स को प्रीमियम प्राइस पर खरीद-बेच रहे हैं। कुछ के लिए ये इन्वेस्टमेंट हैं। कल्चर सर्कल पर 72 परसेंट कस्टमर 28 साल से कम उम्र के हैं और ज़्यादातर मेट्रो शहरों के। लेकिन इनका मार्केट अब टियर-2 शहरों में भी बढ़ रहा है। रिपोर्ट कहती हैं कि कल्चर सर्कल पर एवरेज ऑर्डर वैल्यू 32 हजार रुपये का है। इस तरह के प्रॉडक्ट्स की बायर लड़कियां 25-32 की उम्र की हैं और ज्यादातर लक्जरी हैंडबैग्स खरीदती हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ऐसे आइटम्स विशेषरूप से व्हिस्की को इंवेस्टमेंट की तरह स्टोर करते हैं। ऐसे प्रॉडक्ट्स को हाइपवेयर कहा जाता है क्योंकि ये हाइप से ट्रेंड करते हैं। इनमें लिमिटेड एडिशन गारमेंट्स, शूज और एक्सेसरी का ग्लोबल स्टाइल ट्रेंड है। ये आमतौर पर स्टोर्स पर मुश्किल से ही मिल पाते हैं और आते ही सोल्ड आउट हो जाते हैं। लेकिन रीसेल साइट्स पर इन्हें खरीदा जा सकता है और बायर इनके लिए प्राइस प्रीमियम देने को भी तैयार रहते हैं। साढ़े सात हजार रुपये के ऑफवाइट ब्रांड के जुराब, 8 हजार रुपये की सुप्रीम वाटर बॉटल, या स्टेनली टम्बलर आदि अब स्टेटस सिम्बल बन चुके हैं। कल्चर सर्कल पर हाल ही में एयर जॉर्डन 1 हाई ओजी स्नीकर बिका। यह स्नीकर नाइकी और डिओर का कोलैब है। इसके सिर्फ 8,500 पेयर बने थे और इसकी रीसेल वैल्यू 7 लाख से ऊपर है। आईकिया एंड वर्जिल अब्लोह का वेट ग्रास रग भी बड़ा रीसेल हिट है। इसकी ओरिजनल प्राइस $249 डॉलर है लेकिन रीसेल मार्केट में इंडिया में  यह 1.40 लाख रुपये तक में बिक रहा है। एनेलिस्ट कहते हैं कि भारत में एक पूरी पीढ़ी तैयार हो चुकी है जो ब्रेगिंग राइट्स यानी दिखावा करने के लिए किसी भी हद तक जाने के तैयार है। हालांकि स्नीकर ही डिमांड चार्ट में टॉप पर हैं। इनका क्रेज मेट्रो शहरों से आगे बढक़र दूसरे दर्जे के शहरों तक पहुंच चुका है। लुधियाना जैसा 16 लाख आबादी वाला शहर देश के टॉप 5 स्नीकर सेलिंग सिटीज में शामिल हो चुका है।

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हाइपर लक्जरी के लिए इंडिया ग्रोथ की नर्सरी

 सात लाख रुपये के लिमिटेड एडिशन नाइकी-डिओर एयर जॉर्डन स्नीकर, पचास हजार रुपये का छोटा सा मॉन्स्टर सॉफ्ट टॉय या फिर 60 हजार रुपये का लिपग्लॉस जैसा आईफोन कवर...। आपके लिए बड़ी बात होंगे लेकिन देश में एक ऐसा तबका तैयार हो चुका है जो डीप पॉकेट दिखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। भारत के देसी इलीट्स की यंग जेनरेशन अब ना केवल स्टाइल कॉन्शियस हो रही है बल्कि कॉन्फिडेंट भी बहुत है। ये लोग अब सिर्फ ब्रांड नहीं, बल्कि हाइप खरीद रहे हैं। वो एक्सक्लूसिव प्रॉडक्ट्स जो मार्केट में मुश्किल से मिलते हैं और जिनकी सोशियल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा होती है। बड़े-बड़े फैशन हाउस, स्ट्रीटवीयर ब्रांड और सेलिब्रिटी कोलैबरेशन ऐसे एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट्स को लॉन्च करते हैं और खरीदने वालों में होड़ लग जाती है। इन लिमिटेड एडिशन का रीसेल मार्केट भी बहुत बड़ा है। कल्चर सर्कल और क्रेपडॉग क्रू जैसे प्लेटफॉम्र्स इन आइटम्स को प्रीमियम प्राइस पर खरीद-बेच रहे हैं। कुछ के लिए ये इन्वेस्टमेंट हैं। कल्चर सर्कल पर 72 परसेंट कस्टमर 28 साल से कम उम्र के हैं और ज़्यादातर मेट्रो शहरों के। लेकिन इनका मार्केट अब टियर-2 शहरों में भी बढ़ रहा है। रिपोर्ट कहती हैं कि कल्चर सर्कल पर एवरेज ऑर्डर वैल्यू 32 हजार रुपये का है। इस तरह के प्रॉडक्ट्स की बायर लड़कियां 25-32 की उम्र की हैं और ज्यादातर लक्जरी हैंडबैग्स खरीदती हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ऐसे आइटम्स विशेषरूप से व्हिस्की को इंवेस्टमेंट की तरह स्टोर करते हैं। ऐसे प्रॉडक्ट्स को हाइपवेयर कहा जाता है क्योंकि ये हाइप से ट्रेंड करते हैं। इनमें लिमिटेड एडिशन गारमेंट्स, शूज और एक्सेसरी का ग्लोबल स्टाइल ट्रेंड है। ये आमतौर पर स्टोर्स पर मुश्किल से ही मिल पाते हैं और आते ही सोल्ड आउट हो जाते हैं। लेकिन रीसेल साइट्स पर इन्हें खरीदा जा सकता है और बायर इनके लिए प्राइस प्रीमियम देने को भी तैयार रहते हैं। साढ़े सात हजार रुपये के ऑफवाइट ब्रांड के जुराब, 8 हजार रुपये की सुप्रीम वाटर बॉटल, या स्टेनली टम्बलर आदि अब स्टेटस सिम्बल बन चुके हैं। कल्चर सर्कल पर हाल ही में एयर जॉर्डन 1 हाई ओजी स्नीकर बिका। यह स्नीकर नाइकी और डिओर का कोलैब है। इसके सिर्फ 8,500 पेयर बने थे और इसकी रीसेल वैल्यू 7 लाख से ऊपर है। आईकिया एंड वर्जिल अब्लोह का वेट ग्रास रग भी बड़ा रीसेल हिट है। इसकी ओरिजनल प्राइस $249 डॉलर है लेकिन रीसेल मार्केट में इंडिया में  यह 1.40 लाख रुपये तक में बिक रहा है। एनेलिस्ट कहते हैं कि भारत में एक पूरी पीढ़ी तैयार हो चुकी है जो ब्रेगिंग राइट्स यानी दिखावा करने के लिए किसी भी हद तक जाने के तैयार है। हालांकि स्नीकर ही डिमांड चार्ट में टॉप पर हैं। इनका क्रेज मेट्रो शहरों से आगे बढक़र दूसरे दर्जे के शहरों तक पहुंच चुका है। लुधियाना जैसा 16 लाख आबादी वाला शहर देश के टॉप 5 स्नीकर सेलिंग सिटीज में शामिल हो चुका है।


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