इस वर्ष दशहरा से दिवाली तक के फेस्टिव सीजन में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए खर्च बढक़र 17.8 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो कि गत वर्ष की समान अवधि के 15.1 लाख करोड़ रुपए से 17 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में यूपीआई को लेकर वैल्यू के मामले में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि सितंबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़ कर 19.63 अरब हो गए थे। वहीं, ट्रांजैक्शन अमाउंट सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़ कर 24.90 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया था। पेमेंट डेटा से मिली जानकारी के अनुसार, यूपीआई, डेबिट और के्रडिट कार्ड से किए गए कुल पेमेंट की वैल्यू गत वर्ष के 16.4 लाख करोड़ रुपए से बढक़र लगभग 18.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी रेट कट और फेस्टिव सीजन से उपभोक्ताओं के खर्च को बढऩे की उम्मीद की जा रही है, जिसकी वजह से डिजिटल रिटेल पेमेंट में यह बढ़त देखने को मिली। यह उपभोग में रिकवरी का संकेत देता है। बैंक का कहना है कि सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी रेट कट की वजह से उपभोक्ताओं के खर्च में लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की बढ़त दर्ज की जा सकती है। बैंक के अनुसार, त्योहार के महीने में डेबिट कार्ड के जरिए वैल्यू टर्म में पेमेंट 65,395 रुपए दर्ज किया गया, जो कि बीते वर्ष की समान अवधि के लिए 27,566 करोड़ रुपए दर्ज किया गया था। बैंक ऑफ बड़ौदा का कहना है कि फेस्टिव पीरियड के दौरान यूपीआई के लिए प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एवरेज खर्च 1,052 रुपए दर्ज किया गया जबकि डेबिट कार्ड के लिए प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एवरेज खर्च 8,084 रुपए और के्रडिट कार्ड के लिए प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एवरेज खर्च 1,932 रुपए रहा। सितंबर माह के लिए मर्चेंट-लेवल यूपीआई डेटा दर्शाता है कि पुरुषों और महिलाओं के कपड़ों, बियर, वाइन और शराब, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी और नाई की दुकान पर प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एवरेज खर्च में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बैंक का कहना है कि प्राइवेट कंजम्पशन डिमांड को लेकर दूसरी तिमाही में एक अच्छी बढ़त दर्ज की जाएगी। वहीं, इस ट्रेंड के तीसरी तिमाही में भी बने रहने की उम्मीद है।