भारत में सोने की डिमांड जुलाई-सितंबर अवधि में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत कम होकर 209.4 टन हो गई है। इसकी वजह सोने की कीमतों में 23 प्रतिशत की बढ़त होना है। यह जानकारी वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई। डेटा के मुताबिक, समीक्षा अवधि में ज्वैलरी की मांग 31 प्रतिशत कम हो गई है। वहीं, कॉइन और बार की इन्वेस्टमेंट डिमांड में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के डेटा के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 1,009 रुपए घटकर 1,19,619 रुपए हो गई है। इससे पहले सोने की कीमत 1,20,628 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत कम होकर 1,09,571 रुपए हो गई है, जो कि इससे पहले 1,10,495 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई थी। वहीं, 18 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम कम होकर 89,714 रुपए हो गया है, जो कि पहले 90,417 रुपए प्रति 10 ग्राम था। जुलाई से सितंबर तिमाही में ज्वैलरी पर खर्च करीब 1.14 लाख करोड़ रुपए पर सपाट बना हुआ है। हालांकि, सोने में निवेश 74 प्रतिशत बढक़र 88,970 करोड़ रुपए हो गया है। सितंबर तिमाही में सोने की कीमतें (आयात शुल्क और जीएसटी को हटाकर) बीते एक साल में 46 प्रतिशत बढक़र 97,075 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। गत वर्ष की समान तिमाही में यह 66,614 रुपए पर थी। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, इस उछाल का ग्राहक धारणा पर नकारात्मक असर हुआ है और आयात 34 प्रतिशत कम होकर 195 टन रह गया है, जो कि पहले 308 टन था।