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16-06-2025

सीबीआई ने धोखाधड़ी के आरोप में सुपरटेक, प्रवर्तक अरोड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया

  •  केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईडीबीआई बैंक से 126.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में नोएडा स्थित निर्माण कंपनी सुपरटेक लिमिटेड और उसके प्रवर्तक आर के अरोड़ा सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एफआईआर में अरोड़ा के साथ-साथ नोएडा स्थित कंपनी के पूर्णकालिक निदेशकों संगीता अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, पारुल अरोड़ा, विकास कंसल, प्रदीप कुमार, अनिल कुमार शर्मा और अनिल कुमार जैन का भी नाम है।   सीबीआई ने मामले के सिलसिले में आरोपियों से जुड़े पांच स्थानों पर समन्वित तलाशी अभियान चलाया, जिसमें नोएडा और गाजियाबाद में आधिकारिक और आवासीय परिसर शामिल हैं। सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि छापेमारी के दौरान एजेंसी के अधिकारियों ने 28.5 लाख रुपये की नकदी जब्त की। यह मामला आईडीबीआई बैंक की शिकायत के बाद शुरू किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने धोखाधड़ी से स्वीकृत ऋण राशि का दुरुपयोग करने की साजिश रची थी। एफआईआर के अनुसार, बैंक ने आरोप लगाया कि कंपनी और उसके निदेशकों ने झूठे बहाने के तहत ऋण सुविधाएं हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज पेश किए। सीबीआई ने कहा कि ऋण खाते को बाद में जानबूझकर चूक करने वाला घोषित कर दिया गया और धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप आईडीबीआई बैंक लिमिटेड को कथित तौर पर 126.07 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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सीबीआई ने धोखाधड़ी के आरोप में सुपरटेक, प्रवर्तक अरोड़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया

 केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईडीबीआई बैंक से 126.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में नोएडा स्थित निर्माण कंपनी सुपरटेक लिमिटेड और उसके प्रवर्तक आर के अरोड़ा सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एफआईआर में अरोड़ा के साथ-साथ नोएडा स्थित कंपनी के पूर्णकालिक निदेशकों संगीता अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, पारुल अरोड़ा, विकास कंसल, प्रदीप कुमार, अनिल कुमार शर्मा और अनिल कुमार जैन का भी नाम है।   सीबीआई ने मामले के सिलसिले में आरोपियों से जुड़े पांच स्थानों पर समन्वित तलाशी अभियान चलाया, जिसमें नोएडा और गाजियाबाद में आधिकारिक और आवासीय परिसर शामिल हैं। सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि छापेमारी के दौरान एजेंसी के अधिकारियों ने 28.5 लाख रुपये की नकदी जब्त की। यह मामला आईडीबीआई बैंक की शिकायत के बाद शुरू किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने धोखाधड़ी से स्वीकृत ऋण राशि का दुरुपयोग करने की साजिश रची थी। एफआईआर के अनुसार, बैंक ने आरोप लगाया कि कंपनी और उसके निदेशकों ने झूठे बहाने के तहत ऋण सुविधाएं हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज पेश किए। सीबीआई ने कहा कि ऋण खाते को बाद में जानबूझकर चूक करने वाला घोषित कर दिया गया और धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप आईडीबीआई बैंक लिमिटेड को कथित तौर पर 126.07 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।


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