जयपुर रियल एस्टेट मार्केट में तेजी है। टियर-2 शहरों में सबसे तेज बढ़ते मार्केट्स में शामिल जयपुर मेट्रो और रिंग रोड के आसपास निवेश बढ़ा है। मेट्रो कोरिडोर व रिंग रोड जैसे प्रोजेक्ट्स रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं इंडस्ट्रीयल व कमर्शियल एक्टीविटी के एक्सपेंशन के साथ ही जयपुर में कमर्शियल स्पेस की डिमांड तेजी से बढ़ी है और कमर्शियल सेक्टर में बूम देखने को मिल रहा है। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म जेएलएल ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि जयपुर में ऑफिस स्पेस की डिमांड और रेंटल बढ़ रहा है और वर्ष 2027 तक इसमें 44 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है। जेएलएल अपनी रिपोर्ट ‘बियॉण्ड द मैट्रोज: इनसाइट्स इन टू इण्डियाज इमर्जिंग रियल एस्टेट स्टार्स’ में बताया कि जयपुर शहर का ऑफिस मार्केट आगामी तीन वर्षों में 44 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है जबकि स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट और तेजी से बढ़ता टेक्नोलॉजी सेक्टर में काफी ग्रोथ कर सकता है जो पहले कभी देखने में नहीं आया।
ऑफिस मार्केट में जबरदस्त ग्रोथ की उम्मीद : जयपुर के ऑफिस लैंडस्केप में बड़ा बदलाव हो रहा है क्योंकि यह शहर खुद को पारम्परिक मेट्रो मार्केट के एक कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प के तौर पर बना रहा है। अभी ऑफिस स्टॉक 3.4 मिलियन वर्गफीट है, जिसके 2027 तक बढक़र 4.9 मिलियन वर्गफीट होने की उम्मीद है, जो 44 प्रतिशत की मजबूत ग्रोथ दिखाता है। यह बढ़ोतरी असली मार्केट डिमांड को दिखाती है और जैसे-जैसे एब्जॉर्प्शन तेज होगा, वैकेंसी रेट 19 प्रतिशत से घटकर हेल्दी लेवल पर आने का अनुमान है। सुरेखा बिहानी, सीनियर डायरेक्टर ईस्ट एण्ड इमर्जिंग मार्केट्स इंडिया जेएलएल ने बताया कि जयपुर में एक ऐसा कमर्शियल बदलाव हो रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ, जो एक हेरिटेज डेस्टिनेशन के तौर पर इसकी पारंपरिक पहचान से कहीं आगे है। रिसर्च से पता चलता है कि ऑफिस मार्केट में 44 प्रतिशत की जबरदस्त ग्रोथ होने वाली है, जो 2027 तक 3.4 मिलियन वर्गफीट से बढक़र 4.9 मिलियन वर्गफीट हो जाएगा। ऑफिस का किराया 45-120 रुपए प्रति वर्ग फीट और रिटेल में 140-300 रुपए प्रति वर्गफीट के साथ, जयपुर पारंपरिक मेट्रो शहरों की तुलना में क्वालिटी स्टैंडर्ड बनाए रखते हुए अच्छा कॉस्ट आर्बिट्रेज देता है। मजबूत डिमांड फण्डामेंटल्स, स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स और एक फलते-फूलते टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम का यह मेल जयपुर को इंडिया के सबसे आकर्षक उभरते कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में से एक बनाता है। उन्होंने बताया कि रेंटल मार्केट को यदि देखा जाए तो कॉर्पोरेट ऑक्युपायर्स के लिए शहर का आकर्षण बढ़ रहा है, अभी रेट 45-120 रुपए प्रति वर्गफीट है और 2027 तक इसमें तेजी आने की उम्मीद है। सालाना ग्रॉस लीजिंग, जो अभी 0.4 मिलियन वर्गफीट है, में काफी तेजी देखने को मिल रही है क्योंकि कंपनियां जयपुर के स्ट्रेटेजिक वैल्यू प्रपोजिशन को पहचान रही हैं। यह बदलाव काफी हद तक जयपुर के एक आवश्यक टेक्नोलॉजी और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट हब के तौर पर उभरने से आया है, जो बड़े दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपनी सर्विस देता है। यह शहर सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड बनाए रखते हुए अच्छा कॉस्ट आर्बिट्रेज देता है, जो घरेलू और इंटरनेशनल दोनों तरह के प्रोवाइडर्स को आकर्षित करता है, जिसमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की बढ़ती संख्या भी शामिल है। रिटेल मार्केट इस बड़े कमर्शियल विस्तार को दिखाता है, मॉल स्टॉक 2024 में 3 मिलियन वर्गफीट से दोगुना होकर 2027 तक 6.5 मिलियन वर्गफीट होने की आशा है। वैकेंसी रेट मौजूदा 27 प्रतिशत के स्तर से कम होने की उम्मीद है क्योंकि तेजी से शहरीकरण और बढ़ती व्यय योग्य आय की वजह से स्ट्रक्चर्ड रिटेल स्पेस में तेजी आ रही है। रिटेल रेंटल रेट 140-300 रुपए प्रति स्क्वायर फीट पर स्थिर हैं। शहर का एक बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन होने की वजह से परिचालकों की अतिरिक्त डिमांड पैदा होती है, जिससे रिटेल ऑपरेशन के लिए लगातार कस्टमर ट्रैफिक पक्का होता हैं। स्ट्रेटेजिक लोकेशन से लॉजिस्टिक्स ग्रोथ का विस्तार : जयपुर की स्ट्रेटेजिक पोजीशनिंग लॉजिस्टिक्स सेक्टर में बड़े अवसर बना रही है। शहर की बड़े मार्केट से बेहतर कनेक्टिविटी, बड़ी हुई इंडस्ट्रीयल एक्टिविटी और अच्छी सरकारी पॉलिसी के साथ मिलकर, ई-कॉमर्स, थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से ए ग्रेड वेयरहाउसिंग सुविधाओं की जबरदस्त डिमांड पैदा करती है।