पचपदरा (बालोतरा) स्थित एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड के निकट विकसित किए जा रहे रीको के राजस्थान पेट्रो जोन में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए उद्यमियों की ओर से उत्साहजनक रूझान दिखाई दे रहा है। प्रत्यक्ष आवंटन योजना के अंतर्गत राजस्थान पेट्रो जोन के प्रथम फेज में नियोजित भूखण्डों के आवंटन की प्रक्रिया निरंतर आगे बढ़ रही है। औद्योगिक क्षेत्र बोरावास कलावा में स्थित राजस्थान पेट्रो जोन में रिफाइनरी के सह-उत्पाद आधारित उद्योगों के लिए प्रत्यक्ष आवंटन योजना के तहत 16 निवेशकों को भूखण्ड आवंटित किए जा रहे हैं जो डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट्स से जुड़े उद्योगों के प्रति निवेशकों की बढ़ती रूचि का संकेत है। रिफाइनरी से निकलने वाले डाउनस्ट्रीम उत्पाद जैसे प्रोपलीन, बेंजीन, टोल्यून और ब्यूटाडाइन जैसे फीडस्टॉक का उपयोग आरपीजेड में लगने वाले उद्योगों में ही कच्चे माल के रूप में हो सकेगा एवं इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
आरपीजेड में प्लग एंड प्ले फैक्ट्री शेड्स भी: ऐसे उद्यमी जिनके पास पेट्रोकेमिकल्स एवं केमिकल्स में टेक्निकल योग्यता तो है परंतु पूंजी की उपलब्धता नहीं है, उनके लिये रीको आरपीजेड में ही प्लग व प्ले फैक्ट्री शेड भी बना रहा है। शेड्स का क्षेत्रफल 1600 से 2700 वर्गमीटर तक है। वर्तमान में रीको ऐसे करीब 8 प्लग एवं प्ले फैक्ट्री शेड्स का आरपीजेड में निर्माण कर रहा है। जो उद्यमी कम लागत पर औद्योगिक इकाई लगाना चाहते हैं, उनके लिये रीको द्वारा राज्य में प्रथम बार जयपुर सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में ‘रेडी-टू-मूव इन’ मॉड्यूल्स बनाये हैं। उद्यमी इन ‘रेडी-टू-मूव इन’ मॉड्यूल्स में अल्प समय में ही इकाई शुरू कर सकते हैं। ऐसी सुविधा को उद्यमी हाथों हाथ ले रहे हैं। रीको द्वारा प्रथम चरण में 7 उद्यमियों को मॉड्यूल्स आवंटन के लिये ऑफर लेटर जारी कर दिये हैं। यहां गारमेंट एवं अपैरल क्षेत्र की इकाइयां स्थापित होंगी जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस कॉम्प्लेक्स में कई तरह की सुविधायें यथा प्रशासनिक कार्यालय, बैंक, प्रशिक्षण कक्ष, सभा कक्ष और कैंटीन भी उपलब्ध हैं। यहॉं गारमेंट व अपैरल उद्योग हेतु 1236 से 1566 वर्गफीट के बिल्टअप मॉड्यूल्स 1 से 7 वर्ष की अवधि के लिए लाइसेंस फीस आधार पर दिए जा रहे हैं, जिससे उद्यमी उत्पादन गतिविधियां तुरंत ही शुरू कर सकते हैं।