मुख्यमंत्री भजनलाल की शुरूआत से ही यह मंशा रही है कि राजस्थान एक नया और आधुनिक बिजनेस मॉडल अपनाए, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के नए आयाम स्थापित हों तथा उद्यमियों को उद्योग एवं व्यवसाय स्थापित करने में आसानी हो। मुख्यमंत्री की इसी सोच के अनुरूप समय-समय पर नीतियों एवं नियमों में आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को गति मिले एवं रोजगार के नए अवसर सृजित हों। इसी क्रम में रीको ने औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित भूखण्डों की उपयोगिता को और अधिक व्यावहारिक, पारदर्शी एवं समयानुकूल बनाने के लिए रीको भू-निपटान नियम, 1979 के नियम 20 (सी) में आवश्यक बदलाव किये हैं। अब रीको औद्योगिक क्षेत्रों में पट्टाधारी एक अनुमत उपयोग से दूसरे अनुमत उपयोग में निर्धारित शुल्क पर परिवर्तन की स्वीकृति प्राप्त कर सकेंगे। इस निर्णय से उद्यमियों को अपनी आवश्यकतानुसार नई गतिविधियां प्रारम्भ करने में आसानी होगी तथा भूखण्डों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। इस कदम से जहां एक ओर मैन्युफैक्चरिंग, कॉमर्शियल, सर्विस, आईटी, हेल्थकेयर, होटल, मिक्स्ड यूज, रेजीडेंशियल जैसे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को आवश्यक सपोर्ट सर्विसेज भी आसानी से उसी क्षेत्र में मिलेंगी। रीको ने इस के लिए ऑनलाइन पोर्टल दिनांक 26 नवंबर से खोल दिया है। नियम 20 (सी) के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का निस्तारण ’’फस्र्ट कम फस्र्ट आउट’’ के सिद्धांत पर किया जाएगा। पॉर्टल खुलने के बाद अब तक विभिन्न जिलों से 61 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें होटल, मिक्स्ड यूज, रेजीडेंशियल, आईटी, इंस्टीट्यूशनल व हेल्थकेयर आदि गतिविधियों के लिए परिवर्तन के आवेदन शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2019 से इस प्रकार की आवश्यक अनुमति दिया जाना अकारण बंद किए जाने के कारण इस क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन के लिए लगातार मांग आ रही थी। रीको की इस पहल से उद्योगों एवं व्यवसाय की स्थापना एवं संचालन सुगम होगा।