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01-12-2025

कोटा में 71 करोड़ के निवेश से लगेगा कैटल फीड प्लान्ट, केन्द्र से मिली मंजूरी

  •  कोटा-बून्दी सहित हाड़ौती क्षेत्र में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में केंद्र सरकार ने कोटा में नए पशु आहार संयंत्र (कैटल फीड प्लान्ट) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से स्वीकृत यह  प्लान्ट क्षेत्र के पशुपालक किसानों के लिए महत्वपूर्ण सौगात है। लगभग 71.22 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहा यह प्लांट राज्य का आठवां पशु आहार संयंत्र होगा, जो आधुनिक तकनीक और उच्च पोषण मानकों से सुसज्जित रहेगा। 27 नवम्बर को हुई बैठक में परियोजना को लगभग 68 करोड़ रूपए की केंद्रीय सहायता के साथ मंजूर किया गया है। शेष राशि राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा वहन की जाएगी। नया संयंत्र प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता के साथ बनाया जाएगा, जिसे आगे बढ़ाकर 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक किया जा सकेगा। प्लांट में 25 मीट्रिक टन बाईपास प्रोटीन, 12 मीट्रिक टन मिनरल मिक्सर और 400 मीट्रिक टन कच्चा माल संग्रहण की सुविधा होगी। यह संयंत्र दो वर्षों में तैयार हो जाएगा और तीसरे वर्ष से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह प्रदेश का सबसे आधुनिक  तकनीक का यह सयंत्र होगा। 1980 के दशक के संयंत्रों की तुलना में उन्नत तकनीक और बेहतर ऊर्जा दक्षता पर आधारित होगा। संयंत्र की स्थापना से हाड़ौती क्षेत्र के पशुपालकों को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाला पोषण युक्त पशु आहार उपलब्ध होगा। गुणवत्तापूर्ण आहार मिलने से पशुओं का स्वास्थ्य सुधार होगा और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि आएगी। इससे डेयरी उद्योग को गति मिलेगी और किसानों की आय में प्रत्यक्ष बढ़ोतरी होगी, साथ ही नए रोजगार सृजन होंगे। वर्तमान में राज्य में गुणवत्तापूर्ण पशु आहार की उपलब्धता आवश्यकता से 30 से 40 प्रतिशत कम है। नया संयंत्र इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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कोटा में 71 करोड़ के निवेश से लगेगा कैटल फीड प्लान्ट, केन्द्र से मिली मंजूरी

 कोटा-बून्दी सहित हाड़ौती क्षेत्र में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में केंद्र सरकार ने कोटा में नए पशु आहार संयंत्र (कैटल फीड प्लान्ट) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से स्वीकृत यह  प्लान्ट क्षेत्र के पशुपालक किसानों के लिए महत्वपूर्ण सौगात है। लगभग 71.22 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहा यह प्लांट राज्य का आठवां पशु आहार संयंत्र होगा, जो आधुनिक तकनीक और उच्च पोषण मानकों से सुसज्जित रहेगा। 27 नवम्बर को हुई बैठक में परियोजना को लगभग 68 करोड़ रूपए की केंद्रीय सहायता के साथ मंजूर किया गया है। शेष राशि राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा वहन की जाएगी। नया संयंत्र प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता के साथ बनाया जाएगा, जिसे आगे बढ़ाकर 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक किया जा सकेगा। प्लांट में 25 मीट्रिक टन बाईपास प्रोटीन, 12 मीट्रिक टन मिनरल मिक्सर और 400 मीट्रिक टन कच्चा माल संग्रहण की सुविधा होगी। यह संयंत्र दो वर्षों में तैयार हो जाएगा और तीसरे वर्ष से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह प्रदेश का सबसे आधुनिक  तकनीक का यह सयंत्र होगा। 1980 के दशक के संयंत्रों की तुलना में उन्नत तकनीक और बेहतर ऊर्जा दक्षता पर आधारित होगा। संयंत्र की स्थापना से हाड़ौती क्षेत्र के पशुपालकों को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाला पोषण युक्त पशु आहार उपलब्ध होगा। गुणवत्तापूर्ण आहार मिलने से पशुओं का स्वास्थ्य सुधार होगा और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि आएगी। इससे डेयरी उद्योग को गति मिलेगी और किसानों की आय में प्रत्यक्ष बढ़ोतरी होगी, साथ ही नए रोजगार सृजन होंगे। वर्तमान में राज्य में गुणवत्तापूर्ण पशु आहार की उपलब्धता आवश्यकता से 30 से 40 प्रतिशत कम है। नया संयंत्र इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


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