केंद्र सरकार एमएसएमई के उन कर्मचारियों को सीधी आय सहायता देने पर विचार कर रही है जो ट्रंप टैरिफ से प्रभावित हुए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्ताव पर विचार चल रहा है और आने वाले महीनों में इसे लागू किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, हालांकि अभी यह बहुत शुरुआती स्तर पर है और सरकार को आकलन करना होगा कि प्लान क्या होगा और कितनी सहायता दी जाएगी। उन्होंने संकेत दिया कि सबसे पहले इनडायरेक्ट सपोर्ट प्लान जैसे कि क्रेडिट गारंटी और कोलेटरल फ्री लोन की लिमिट को बढ़ाने जैसे कदम उठो जा सकते हैं। केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत 25 हजार करोड़ रुपये का पैकेज तैयार किया है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई थी। इस पैकेज का उद्देश्य सस्ती वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, एक्सपोर्ट मार्केट एक्सैस, और हाई टैरिफ से पडऩे वाले प्रभाव को कम करना है। आरबीआई ने भी एमएसएमई के लिए कोलेटरल फ्री लोन की लिमिट को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्लान हाथ में लिया है। क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत इसे जल्दी ही लागू किया जा सकता है। वर्ष 2010 में शुरू हुई इस स्कीम के तहत डिफॉल्ट की स्थिति में बैंकों को 75-90 परसेंट रिकवरी की गारंटी दी जाती है। पिछले दिनों फैडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर एसोसिएशन (फीयो) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात के दौरान टेक्सटाइल एक्सपोर्टर को 10 परसेंट डायरेक्ट सब्सिडी देने की मांग की थी।