ऊंझा में पिछले कुछ समय से जीरे की आवक सीमित मात्रा में ही हो रही है। इसकी कीमत में भी उतार-चढ़ाव सीमित हो रहा है। मानसून सीजन भी चल रहा है। इसकी वजह से बिक्री आवक के अनुरूप बनी रहने की आस है। अत: आगामी दिनों में जीरा सीमित दायरे में ही बना रह सकता है। उत्तरी गुजरात को छोडक़र राज्य के अन्य हिस्सों में चालू मानसून सीजन में अभी तक अच्छी वर्षा हुई है। कई क्षेत्रों में तो बाढ़ भी आ गई है। उधर, कीमत उम्मीद से नीची होने के कारण गुजरात के किसानों द्वारा हाल ही में अपनी जीरा फसल की बिक्री सीमित मात्रा में किए जाने के कारण ऊंझा मंड़ी में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक सीमित ही बनी हुई है। यही वजह है कि अंतिम सूचना के समय ऊंझा में जीरे की करीब 5-7 हजार बोरियों की आवक होने की सूचनाएं आ रही हैं। नवीनतम आवक सामान्य की अपेक्षा काफी नीची है। नाममात्र की आवक के बाद भी लिवाली का अभाव बना हुआ है। इसके बाद भी ऊंझा में जीरे की कीमत भी हाल ही में 50 रुपए और मंदा होकर फिलहाल 4020/4125 रुपए प्रति 20 किलोग्राम बीच बनी होने की जानकारी मिली। इससे पूर्व इसमें 100-125 रुपए की मंदी आई थी। जीरे में इस तेजी का प्रमुख कारण यह है कि आवक तुलनात्मक रूप से नीची हो रही तथा बंगलादेश की छुटपुट मांग भी बनी होने से बाजार की समर्थन मिल रहा था लेकिन अब उसकी मांग करीब-करीब खत्म होने की रिपोर्ट आ रही है। आमतौर पर चीन की तुलना में तुर्की में जीरे की कीमत ऊंची होती है। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में हाल ही में आई तेजी के बाद स्टॉकिस्टों की लिवाली सुस्त ही बनी होने से जीरा सामान्य हाल ही में एक हजार रुपए उछलने के बाद 1100 रुपए टूटकर फिलहाल 21,300/21,500 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। इससे पूर्व इसमें 200 रुपए की मंदी आई थी। भारत के अलावा विश्व में तुर्की और सीरिया को जीरे के अन्य उत्पादक देशों के रूप में जाना जाता है। अब अफगानिस्तान तथा ईरान भी चुनौती पेश करने लगे हैं। आमतौर पर तुर्की एवं सीरिया में संयुक्त रूप से करीब 35 हजार टन जीरे का उत्पादन होता है और इनकी क्वालिटी भारतीय जीरे की तुलना में हल्की होती है। चीन में जीरे की नई फसल भी इसी महीने शुरू होनी है। अभी तक प्राप्त हुई सूचनाओं के अनुसार नए सीजन में चीन में जीरे का उत्पादन सामान्य कुछ कम होने का अनुमान है। अगले महीने चीन, तुर्की और सीरिया में नई फसल शुरू होने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में देश से 6178.86 करोड़ रुपए कीमत के 2,29,881.06 टन जीरे का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व आलोच्य अवधि में इसकी 1,65,269.45 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 5797.23 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों मे जीरा सुस्त ही बना रहने का अनुमान है।