आवक की तुलना में तेल मिलों की मांग बढऩे से एक माह में सरसों के भाव 450 रुपए प्रति किवंल बढ गए, भविष्य में इसमें गिरावट की संभावना कम है। उत्पादक क्षेत्रों से आवक कमजोर होने के एवं तेल मिलो की मांग बढऩे लारेंस रोड सरसों के भाव एक माह में निचले स्तर से 450 रूपये बढकर 6900/6950 रुपए प्रति कुंतल हो गई। नजफगढ़ मंडी में लूज इसके भाव 6300/6400 रुपए प्रति किवंटल हो गए। देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 3.50/4 लाख बोरी के लगभग दैनिक रह गई। राजस्थान के मंडियों में भी बिकवाली घटने से जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 500 रूपये बढकर 7150/7175 रूपये तथा अलवर में 6800 रूपए प्रति कुंतल हो गए। आगरा में बिकवाली कमजोर होने से 42 प्रतिशत कमीशन सरसों के द्वारा 7650 रुपए प्रति किवंटल हो गए। सरसों का उत्पादन मुख्यत: राजस्थान हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात छत्तीसगढ़, उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में होता है। चालू सीजन में देश में सरसों का 111.25 लाख टन होने की संभावना है। जो गत वर्ष की तुलना में कम है। हालांकि देश मे अभी तक सरसों की आवक 50 लाख टन के लगभग की हो चुकी है जिसमें से 40 लाख टन लगभग सरसों के क्रशिंग हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसियों के पास 15 लाख टन के लगभग सरसों का स्टॉक बचा हुआ है। इसके अलावा व्यापारियों के पास भी भारी मात्रा में स्टॉक है। उक्त अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा बाजार में डालर की तुलना में रूपए कीमतों का उठापटक का दौर जारी रहा। हालांकि सरकार द्वारा खाद्य तेलों की महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए हाल ही में कच्चे तेल के आयात शुल्क को 20 से घटकर 10त्न कर दिया गया है । इन हालात को देखते हुए इसमें लंबी तेजी की संभावना नहीं लग रही है हालांकि चालू सीजन के दौरान उत्पादन कमजोर हुआ। स्टॉकिस्टों की मजबूत पकड़ को देखते हुए आगामी माह में सरसों की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है बाजार सीमित उतार चढ़ाव के घूमता रह सकता है।