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04-06-2025

सरसों खल : ज्यादा मंदा नहीं

  •  ग्राहकी कमजोर होने से हाल ही में सरसों खल के भाव 150 रुपए प्रति कुंतल घट गए। भविष्य में इसमें और गिरावट की संभावना नहीं है। पशु आहार वालों की ऊंचे भाव पर मांग घटने से सरसों खल के भाव एक माह के दौरान से 150 रुपये घटकर 2300/2500 रुपए प्रति कुंतल रह गए। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब की मंडियों में उठाव घटने से यहां पर सरसों के भाव 200 रुपए घटकर 6300/6400 रूपये प्रति क्विंटल लूज में रह गए । सरसों की कीमतों में पिछले दिनों आई तेजी के कारण हरियाणा व राजस्थान में सप्लाई घट गई  है। मांग कमजोर होने से हापुर मंडी में इसके भाव 2600/2700 रूपये प्रति कुंतल बोले गए। जयपुर लाइन में भी मांग कमजोर होने के कारण सरसों खल के भाव 2200 रूपये प्रति कुंतल बोले गए। हालांकि बिनौला खल की कीमतें भी आपूर्ति घटने से बढ गयी हैं। हापुड़ मंडी खल, चूरी, चना छिलका की कीमतों में तेजी रही। देश के विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 4.50 लाख बोरी के लगभग रह गई है। उत्पादन कमजोर होने एवं स्टॉकिस्टों की मजबूत पकड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में सरसों की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। इन परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले समय में सरसों खल की कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है।  बाज़ार 100/200 रुपए के उतार-चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।

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सरसों खल : ज्यादा मंदा नहीं

 ग्राहकी कमजोर होने से हाल ही में सरसों खल के भाव 150 रुपए प्रति कुंतल घट गए। भविष्य में इसमें और गिरावट की संभावना नहीं है। पशु आहार वालों की ऊंचे भाव पर मांग घटने से सरसों खल के भाव एक माह के दौरान से 150 रुपये घटकर 2300/2500 रुपए प्रति कुंतल रह गए। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब की मंडियों में उठाव घटने से यहां पर सरसों के भाव 200 रुपए घटकर 6300/6400 रूपये प्रति क्विंटल लूज में रह गए । सरसों की कीमतों में पिछले दिनों आई तेजी के कारण हरियाणा व राजस्थान में सप्लाई घट गई  है। मांग कमजोर होने से हापुर मंडी में इसके भाव 2600/2700 रूपये प्रति कुंतल बोले गए। जयपुर लाइन में भी मांग कमजोर होने के कारण सरसों खल के भाव 2200 रूपये प्रति कुंतल बोले गए। हालांकि बिनौला खल की कीमतें भी आपूर्ति घटने से बढ गयी हैं। हापुड़ मंडी खल, चूरी, चना छिलका की कीमतों में तेजी रही। देश के विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 4.50 लाख बोरी के लगभग रह गई है। उत्पादन कमजोर होने एवं स्टॉकिस्टों की मजबूत पकड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में सरसों की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। इन परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले समय में सरसों खल की कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है।  बाज़ार 100/200 रुपए के उतार-चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।


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