मित्रों, भारत में कमोडिटी का कारोबार स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही गुजरातियों और मारवाडिय़ों के हाथ में रहा है, लेकिन जब से ऑनलाइन एक्सचेंजों का वायदा बाजार शुरू हुआ है, तब से इसका रूप और रंग बदलता जा रहा है। इस व्यवसाय में केवल वे ही लोग सफलता प्राप्त कर सकेंगे जो बदलते समय के साथ चलेंगे। आज के व्यापारिक जगत में, एक व्यवसायी को यह समझना होगा कि मार्केट में कितने समय तक टिके रहना है, कब नया सौदा करना बंद कर देना है, तथा कब सुरक्षित तरीके से काम करना है। धनिया रबी मौसम का मसाला माना जाता है और गुजरात और राजस्थान के किसानों की पसंदीदा फसल है। जिन किसानों ने इस बार धनिया की खेती की है, उन्हें रोपाई के समय कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि वे इस समय असमंजस में हैं। क्योंकि बुआई के समय यानी नवंबर के दूसरे सप्ताह में धनिया का भाव 8,700 रुपए प्रति क्विंटल था। जो जनवरी के दूसरे सप्ताह में 8800 रुपए हो गया। लेकिन तब से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। फिलहाल कीमत गिरकर 8,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। गुजरात के मार्केट्स में इस समय धनिया की नई फसल के नमूने आ रहे हैं। पिछले सप्ताह गोंडल मार्केट यार्ड में औसतन 700 से 800 बोरी धनिया की दैनिक आय दर्ज की गई। अब, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आय बढऩे के साथ कीमतें भी गिरेंगी। नवंबर में बुवाई शुरू होने के बाद से मौसम और व्यापार स्रोतों के सर्वेक्षणों के आधार पर, इस सीजन में भारत में धनिया का उत्पादन औसत से 15 प्रतिशत कम और पिछले वर्ष की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है। राजस्थान मसाला एसोसिएशन के अनुमान के अनुसार, गुजरात में 111,000 हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 284,000 हेक्टेयर और राजस्थान में 49,000 हेक्टेयर क्षेत्र में धनिया की खेती की जाती है। इसका मतलब है कि कुल 1.20 करोड़ से 1.40 करोड़ बोरी धनिया का उत्पादन होगा। पिछले तीन वर्षों में कुल एक्सपोर्ट 50,000 टन से एक लाख मीट्रिक टन के बीच रहा है। जबकि अप्रैल से नवंबर 2024-25 तक 40000 मीट्रिक टन का एक्सपोर्ट किया गया। आने वाले दिनों में यदि धनिया का भारी एक्सपोर्ट होगा तो ही मार्केट में तेजी आ सकेगी और किसानों को बुआई के समय 8,700 से 8,800 रुपये का भाव मिल सकेगा। हालांकि, जिन किसानों ने एनसीडीईएक्स पर पुट ऑप्शन खरीदे हैं, वे फिलहाल सुरक्षित हैं। उदाहरण के लिए, जब जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में ऑप्शन लॉन्च किए गए थे, तो कीमत 8,700 रुपये थी। उस समय, कई एफपीओ ने अपने किसानों के लिए 8,700 रुपये की कीमत पर पुट ऑप्शन खरीदे हैं, तथा प्रति क्विंटल 400 रुपये का औसत प्रीमियम चुकाया है। आज ये सभी किसान अपनी उपज की कीमतों को लेकर सुरक्षित हैं। अब जब अप्रैल में डिलीवरी का समय आएगा, तब भी यदि कीमत कम है तो उन्हें वायदा डिलीवरी से 8,700 रुपये का रिटर्न मिलेगा और यदि कीमत बढ़ती है, तो वे धनिया को हाजिर बाजार में बेच देंगे, जिससे उन्हें प्रीमियम देना होगा। हालांकि, वर्तमान में काटी जा रही धनिया में नमी की मात्रा भी अधिक है। अब जब गर्मी शुरू होगी तब धनिया की असली गुणवत्ता का अंदाजा मिल सकेगा। जिन किसानों को अपने धनिया की गुणवत्ता पर भरोसा है, वे धनिया पुट ऑप्शन खरीदकर अभी भी अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। वर्तमान में, किसान एक्सचेंज पर 8,400 रुपये के ऑफर मूल्य के मुकाबले 375 रुपये से 400 रुपये का प्रीमियम देकर पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं। वर्तमान में एनसीडीईएक्स पर 5120 टन धनिया पुट ऑप्शन का कारोबार हुआ है। जबकि 3815 टन के ह्रक्कश्वहृ ढ्ढहृञ्जश्वक्रश्वस्ञ्ज खड़े हैं। इसलिए, किसानों के लिए ऑप्शन खरीदना और सुरक्षित रहना फायदेमंद है।