ब्रोमांस यानी भाईयों जैसा याराना। जर्मन मूल के डॉनाल्ड ट्रंप ने साउथ अफ्रीकन एलन मस्क के डिपोर्टेशन को लेकर जैसे की कहा ...ही विल लुक इट...तो महीनों के ब्रोमांस का ब्रेकअप हो गया। ये वहीं मस्क हैं जिन्होंने ट्रंप को चुनाव जितवाने के लिए सबकुछ...टेस्ला जैसी कंपनी और अपनी साख तक दांव पर लगा दी थी। आप जानते हैं मस्क ने ट्रंप के चुनाव में 29 करोड़ डॉलर करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे। लेकिन जब फ्रेंड से अलगाव हो सकता है तो ब्रैंड से क्यों नहीं। एक दौर था जब ब्रांड लॉयल्टी के मामले में टेस्ला ने ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री में नई केस स्टडी लिखी थी। ईवी दिग्गज के वर्षों तक अमेरिका में किसी भी बड़े ऑटो ब्रांड के मुकाबले ज्यादा रिपीट कस्टमर थे। लेकिन मस्क की टेस्ला को ब्रोमांस भारी पड़ गया और ट्रंप का समर्थन करने के बाद टेस्ला की ब्रांड लॉयल्टी धाराशायी हो चुकी है। आपने अमेरिका और यूरोप से शोरूम्स के जलने और टेस्ला ब्रांड के खिलाफ प्रोटेस्ट की तस्वीरें खूब देखी होंगी। टेस्ला (ए•ा ए ब्रांड) का नहीं बल्कि मस्क का विरोध हो रहा था...ट्रंप का सपोर्ट करने और डोजे के मुखिया बनने के लिए। नए डिपार्टमेंट डोजे के जरिए मस्क ने अमेरिका के घाटे को कम करने के लिए खर्च पर बड़ी कैंची चलाते हुए हजारों-हजार लोगों को सरकारी नौकरी से निकाल दिया था। एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के डेटा के अनुसार जून 2024 में टेस्ला की ब्रांड लॉयल्टी पीक पर थी जब नई गाड़ी खरीदने वाले 73 परसेंट टेस्ला ओनर्स ने फिर टेस्ला खरीदी। लेकिन जुलाई के बाद से इसमें तेज गिरावट आई क्योंकि जानलेवा हमले के बाद मस्क खुलकर रिपब्लिकन कैंडिडेट ट्रंप के सपोर्ट में आ गए थे। ट्रंप ने जनवरी में ओवल ऑफिस संभाला उसके बाद तो मार्च 2025 में टेस्ला के रिपीट कस्टमर 49.9 परसेंट ही रह गए। जो कि इंडस्ट्री एवरेज से भी कम थी। आप जानते हैं इसी दौरान मस्क डोजे के जरिए रोजाना हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रहे थे। हालांकि मई 2025 में यह दर फिर से बढक़र 57.4 हुई, जो इंडस्ट्री एवरेज से थोड़ी ऊपर है और टोयोटा के बराबर है लेकिन शेवरले और फोर्ड से पीछे है।
एसएंडपी के विश्लेषक टॉम लिब्बी कहते हैं मैंने कभी किसी ब्रांड की लॉयल्टी में इतनी तेजी से गिरावट नहीं देखी है। भले ही मस्क थोड़ी पॉलिटिक्स में पड़ गए लेकिन टेस्ला के इंवेस्टर्स का उन पर भरोसा बना हुआ है। इसीलिए हाल ही टेस्ला ने मस्क को कंपनी का सीईओ बने रहने के लिए 29 करोड़ डॉलर के शेयर दिए हैं। एनेलिस्ट कहते हैं कि मस्क के राजनीति में उतरने से टेस्ला के ग्रीन प्रोफाइल वाला कस्टमर बेस नाराज है। मॉर्निंगस्टार के सेठ गोल्डस्टीन ने कहा अगर कस्टमर डेमोक्रेटिक सोच वाले होते, तो वे शायद टेस्ला की जगह कोई और ब्रांड चुन लेते। हालांकि रिपीट कस्टमर घटने का एक बड़ा कारण टेस्ला का मॉडल लाइनअप पुराना पडऩा भी है। वर्ष 2020 के बाद टेस्ला ने केवल एक मॉडल साइबरट्रक लॉन्च किया है जो फेल रहा है। हालांकि विरोध के चरम दौर में मस्क ने फुल सेल्स ड्राइव कार का डेमो देकर टेक-सैवी कस्टमर को फिर से ब्रांड के साथ जोडऩे की कोशिश की थी। वर्ष 2025 के पहले 5 महीनों में अमेरिका में टेस्ला की सेल्स 8 परसेंट घटी, जबकि यूरोप में पहली छमाही में गिरावट 33 परसेंट रही। क्योंकि ट्रंप ने आते ही यूक्रेन और ट्रेड के मुद्दे पर यूरोप को टार्गेट पर ले लिया था जिसका गुस्सा टेस्ला को झेलना पड़ा। टेस्ला अब भी अमेरिका में ईवी मार्केट में लीडर है लेकिन अफोर्डेबल मॉडलों के बजाय सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक पर फोकस करने से भी कस्टमर लॉयल्टी घटी है। एसएंडपी के डेटा के अनुसार, 2021 की चौथी तिमाही से 2023 की तीसरी तिमाही तक 60 परसेंट टेस्ला ओनर्स ने अगली कार भी टेस्ला ही खरीदी। इस दौरान फोर्ड की कस्टमर लॉयल्टी केवल एक बार 60 परसेंट से अधिक रही थी। पिछले चार साल में टेस्ला को 1 कस्टमर के नुकसान के मुकाबले 5 नए कस्टमर मिले हैं जो अन्य किसी भी ब्रांड से कहीं अधिक था। लेकिन जुलाई 2024 के बाद यह दर भी गिरने लगी। फरवरी 2025 से टेस्ला अब एक कस्टमर के नुकसान पर केवल 2 नए कस्टमर जोड़ पा रही है। हालांकि जैक्स इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के ब्रायन मुलबेरी को टेस्ला की लॉन्ग टर्म कमाई की चिंता नहीं है। उनका कहना है कि अगर टेस्ला रोबोटैक्सी और सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक को सफलतापूर्वक लागू करता है, तो शायद भविष्य में टेस्ला को कार और ट्रक बेचने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
