उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत का बहुमुखी मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग अगले दशक में तीन गुना से अधिक बढक़र 100 अरब डॉलर का हो सकता है। इस वृद्धि से लाखों नौकरियां उत्पन्न होंगी और विभिन्न क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। अंबानी का रिलायंस समूह भारत के सबसे बड़े मीडिया समूहों में से एक ‘नेटवर्क 18’ के साथ-साथ डिजिटल मंच, मनोरंजन चैनल तथा ऑनलॉइन मंच को नियंत्रित करता है। उन्होंने कहा कि कहानी कहने और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के मिश्रण ने रणनीतिक व आर्थिक अवसर उत्पन्न किया है। भारत का मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग आज 28 अरब अमेरिकी डॉलर का है। अगले दशक में यह 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकता है। यह वृद्धि उद्यमशीलता को बढ़ावा देगी, लाखों नौकरियां सृजित करेगी और सभी क्षेत्रों में प्रभाव डालेगी। उन्होंने कहा कि भारत एक अग्रणी डिजिटल राष्ट्र बन गया है और कहानी कहने तथा डिजिटल प्रौद्योगिकियों का मिश्रण भारत के लिए अद्वितीय है। इसने मनोरंजन और सांस्कृतिक अनुभवों के प्रभाव व पहुंच को कल्पना से परे कई गुना बढ़ा दिया है। एआई और ‘इमर्सिव टेक्नोलॉजी’ (डिजिटल दुनिया में जीवंत अनुभव देने वाली प्रौद्योगिकी) के उपकरण हमारी कहानियों को पहले से कहीं अधिक आकर्षक बना सकते हैं और उन्हें तुरंत विभिन्न भाषाओं, देशों एवं संस्कृतियों के दर्शकों तक पहुंचा सकते हैं। रिलायंस समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि इन उपकरणों में निपुणता हासिल कर भारत के बेहद प्रतिभाशाली युवा रचनाकार हिट फिल्मों के साथ वैश्विक मनोरंजन उद्योग पर राज करेंगे। भारत का मनोरंजन और सांस्कृतिक उद्योग सिर्फ ‘सॉफ्ट पावर’ नहीं है यह वास्तविक शक्ति है। हमारी 5,000 वर्षों से अधिक पुरानी सभ्यता की विरासत में, हमारे पास रामायण व महाभारत से लेकर दर्जनों भाषाओं में लोककथाओं और ग्रंथ तक कालातीत कहानियों का विशाल खजाना है। वे दुनिया भर के लोगों के दिलों को छूते हैं क्योंकि ये सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों...भाईचारा, करुणा, साहस, प्रेम, सौंदर्य और प्रकृति की देखभाल से भरपूर हैं। कोई भी देश भारत की कहानी कहने की क्षमता से मेल नहीं खा सकता। इसलिए, बड़े आत्मविश्वास व रचनात्मकता के साथ आइए हम अपनी कहानियों को वैश्विक स्तर पर ले जाएं ताकि विभाजित दुनिया को बेहतर बना सकें।