सर्विस सेक्टर में 500 करोड़ रुपये से कम उत्पादन वाले उद्यम इस क्षेत्र में 63.03 प्रतिशत रोजगार देते हैं। सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस सर्वेक्षण से पता चला कि 500 करोड़ रुपये और उससे अधिक उत्पादन वाले बड़े उद्यमों की परिसंपत्ति स्वामित्व में 62.77 प्रतिशत, शुद्ध स्थिर पूंजी निर्माण में 62.73 प्रतिशत, सकल मूल्य वर्धन में 69.47 प्रतिशत और कुल वेतन में 63.17 प्रतिशत हिस्सेदारी है।आंकड़ों से यह भी पता चला कि 500 करोड़ रुपये से कम उत्पादन वाले उद्यमों की कुल रोजगार में लगभग 63.03 प्रतिशत और कुल वेतन में 36.84 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह सर्वेक्षण जीएसटीएन रूपरेखा का उपयोग करके दो चरणों में किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य नमूना फ्रेम के रूप में जीएसटीएन डेटाबेस की उपयुक्तता का परीक्षण करना, जानकारी को सत्यापित करना और परिचालन तौर-तरीकों का परीक्षण करना था। इसमें जीएसटीएन आंकड़ों से उन सेवा क्षेत्र के उद्यमों को शामिल किया गया है। जो कंपनी अधिनियम, 1956 या कंपनी अधिनियम, 2013 या सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम, 2008 के तहत पंजीकृत हैं। सेवा क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण जगह रखता है और सकल घरेलू उत्पाद में इसकी 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।