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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

22-08-2025

ऑटोमेटेड कुकिंग सेगमेंट को मिल रही है पापूलेरिटी

  •  इन्डियन किचन में भी टेक्नोलॉजी पू्रफ दौर शुरू हो चुका है। सूपमेकर, रोटी मेकर, इन्स्टेंट राइस मेकर आदि प्रोडक्ट्स अब पीछे रहे गये हैं। ऑल-इन-वन रोबोटिक एप्लायंसेज इन्डियन किचन की शान बढ़ाने लगे हैं। इनमें चॉप, स्टिर, स्टीम, सॉटे, ब्लेंड, फ्राय आदि कार्य हैंड्स फ्री होकर किये जा सकते हैं। कम्पनियों की योजना किचन से मल्टीपल एप्लायंसेज के जाल को हटाना चाहते हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि इस एप्लायंस से फूड ऑर्डरिंग बिल कम होगा क्योंकि घर में ही टेस्टी रेसीपीज बन पायेंगी। जो लोग डोमेस्टिक हैल्प में कम्फर्ट चाहते हैं, उनके लिए यह एप्लायंसेज काफी उपयोग साबित हो सकते हैं। चायोस में पूर्व इंजीनियरिंग हैड, जिन्होंने स्टार्टअप उपलियांस डॉट एआई की स्थापना की है, के अनुसार लोगों के बीच घर पर खाने के विकल्प बढ़ रहे हैं। उनके प्रोडक्ट की डिस्काउंट कीमत 23,999 रुपये है। इसमें 16 कुकिंग फंक्शंस हैं। यह शार्क टैंक सीजन 3 में शोकेस भी की गई थी। उनके अनुसार उपलियांस वॉइस कन्ट्रोल, शैफजीपीटी और एआई पावर्ड ग्रॉसरी मैनेजमेंट से पावर्ड है। डिवाइस में स्मार्ट जार और स्मार्ट स्क्रीन है। कनेक्टेड स्क्रीन रेसीपीज को तलाश लेती हंै। मसलन कोई मुम्बई में बैठा हुआ है और वह मटर पनीर को अलग तरीके से पका रहा है तो वही नोट एड कर सकता है, जो सेव हो जायेगा। स्क्रीन पर यह शो भी होगा। जितने ज्यादा लोग इस डिवाइस को यूज करेंगे, वह बेहतर परिणाम देगी। वह इस तरह से कि कोई और जब इसे यूज करेगा तो वह पुराने नोट्स को डिस्प्ले करेगा। इससे रेसीज बनाने में मदद मिल पायेगी। ऑटोमेटेड कुकिंग सेगमेंट अमेरिका और यूरोप जैसे मार्केट्स में ट्रेक्शन पकड़ रहे हैं। ग्लोबल स्मार्ट किचन एप्लायंसेज मार्केट गत वर्ष यानि 2023 में 18.75 बिलियन डॉलर का रहा। वर्ष 2024 से 2030 के बीच यह 17.9 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की सम्भावना रख रहा है। ऑल इन वन रोबोटिक एप्लायंसेज हमारी किचन को सहुलियत देने के साथ स्मार्ट बना रहे हैं। विशेष रूप से यंग प्रोफेशनल्स के बीच इनकी डिमांड ज्यादा है।

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ऑटोमेटेड कुकिंग सेगमेंट को मिल रही है पापूलेरिटी

 इन्डियन किचन में भी टेक्नोलॉजी पू्रफ दौर शुरू हो चुका है। सूपमेकर, रोटी मेकर, इन्स्टेंट राइस मेकर आदि प्रोडक्ट्स अब पीछे रहे गये हैं। ऑल-इन-वन रोबोटिक एप्लायंसेज इन्डियन किचन की शान बढ़ाने लगे हैं। इनमें चॉप, स्टिर, स्टीम, सॉटे, ब्लेंड, फ्राय आदि कार्य हैंड्स फ्री होकर किये जा सकते हैं। कम्पनियों की योजना किचन से मल्टीपल एप्लायंसेज के जाल को हटाना चाहते हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि इस एप्लायंस से फूड ऑर्डरिंग बिल कम होगा क्योंकि घर में ही टेस्टी रेसीपीज बन पायेंगी। जो लोग डोमेस्टिक हैल्प में कम्फर्ट चाहते हैं, उनके लिए यह एप्लायंसेज काफी उपयोग साबित हो सकते हैं। चायोस में पूर्व इंजीनियरिंग हैड, जिन्होंने स्टार्टअप उपलियांस डॉट एआई की स्थापना की है, के अनुसार लोगों के बीच घर पर खाने के विकल्प बढ़ रहे हैं। उनके प्रोडक्ट की डिस्काउंट कीमत 23,999 रुपये है। इसमें 16 कुकिंग फंक्शंस हैं। यह शार्क टैंक सीजन 3 में शोकेस भी की गई थी। उनके अनुसार उपलियांस वॉइस कन्ट्रोल, शैफजीपीटी और एआई पावर्ड ग्रॉसरी मैनेजमेंट से पावर्ड है। डिवाइस में स्मार्ट जार और स्मार्ट स्क्रीन है। कनेक्टेड स्क्रीन रेसीपीज को तलाश लेती हंै। मसलन कोई मुम्बई में बैठा हुआ है और वह मटर पनीर को अलग तरीके से पका रहा है तो वही नोट एड कर सकता है, जो सेव हो जायेगा। स्क्रीन पर यह शो भी होगा। जितने ज्यादा लोग इस डिवाइस को यूज करेंगे, वह बेहतर परिणाम देगी। वह इस तरह से कि कोई और जब इसे यूज करेगा तो वह पुराने नोट्स को डिस्प्ले करेगा। इससे रेसीज बनाने में मदद मिल पायेगी। ऑटोमेटेड कुकिंग सेगमेंट अमेरिका और यूरोप जैसे मार्केट्स में ट्रेक्शन पकड़ रहे हैं। ग्लोबल स्मार्ट किचन एप्लायंसेज मार्केट गत वर्ष यानि 2023 में 18.75 बिलियन डॉलर का रहा। वर्ष 2024 से 2030 के बीच यह 17.9 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की सम्भावना रख रहा है। ऑल इन वन रोबोटिक एप्लायंसेज हमारी किचन को सहुलियत देने के साथ स्मार्ट बना रहे हैं। विशेष रूप से यंग प्रोफेशनल्स के बीच इनकी डिमांड ज्यादा है।


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