जैनरेशन जेड और मिलेनियल्स देश में लग्जरी की बड़ी बायर है लेकिन जो चीज वो उस वक्त कैश में अफोर्ड नहीं कर सकते, उसे ईएमआई पर लेना पसंद करते हैं। एक बार में एक ईएमआई पे करने की सोच उनकी है। आसाम की एक बैंकर जिनकी आयु तीस वर्ष के आसपास है को आईफोन परचेज करना था लेकिन बजट नहीं था। ऐसे में अमेजॉन एप पर लागइन किया और देखा कि नो-कॉस्ट ईएमआई ऑप्शंस हैं। प्रमुख प्राइवेट बैंक ऑनलाइन यह सर्विस दे रहे हैं तो बस फिर क्या था, मिनटों में आईफोन अपने नाम कर लिया। ऐसा करने वाली वे ही नहीं है। देश में क्विक के्रडिट ऑप्शंस अपनाने वालों में जैनरेशन जेड और मिलेनियल्स गु्रप्स आगे हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार देश में बिकने वाले टोटल स्मार्टफोन में से करीब 40 प्रतिशत ईएमआई पर बिकते हैं। प्रीमियम आईफोन कैटेगरी में तो यह 70 प्रतिशत है। एस्पीरेशनल बाइंग में ईएमआई का यूज काफी किया जा रहा है। इस ऑप्शन ने ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन सेल्स को पुश करने का काम किया हुआ है। केवल स्मार्टफोन ही नहीं अनेक इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, ट्रेवलिंग ट्यूर आदि के लिये इस ऑप्शन का यूज धड़ल्ले से किया जा रहा है। उनके अनुसार ईएमआई परचेज की कन्वीनियंस प्रोवाइड करती है। हाई वैल्यू परचेज में एक बार में फुल पेमेंट न कर पाने की स्थिति में यंगस्टर्स को यह बेस्ट ऑप्शन लगता है। प्राइम डे सेल के दौरान अमेजन ने नो-कॉस्ट ईएमआई में करीब 30 प्रतिशत की बढ़त देखी। 30,000 रुपये से अधिक कीमत वाले प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में साठ प्रतिशत ग्रोथ रही। टीयर टू आदि छोटे शहरों में यह करीब सत्तर प्रतिशत रही। सैमसंग, एपल, वनप्लस को इस ऑप्शन से काफी सेल्स प्राप्त हुई। लोअर मिडिल क्लास कन्ज्यूमर्स सेगमेंट करीब 65 प्रतिशत एप बेस्ड बैंकिंग करता है। मिलेनियल्स, जैनरेशन जेड विशेष रूप से आगे हैं। हाउ इन्डिया बोरोज 2024 शोध के अनुसार यह देखा गया है। मेकमायट्रिप के को-फाउंडर के अनुसार बाय नाओ पे लेटर, बुक विद जीरो पेमेंट जैसे ऑपशंस काफी पापूलर हो रहे हैं। इंटरनेशनल फ्लाइट और होटल बुकिंग में इस प्रकार के ऑप्शंस अवेलेवल हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार ईएमआई कन्वीनियंट ऑप्शन है और लग्जरी स्पेंडिंग में तो इसका यूज ज्यादा होने लगा है। इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स विशेष रूप से लैपटॉप, स्मार्टफोन, टेलीविजन, प्रीमियम आईफोन की परचेज में ईएमआई ऑप्शन का यूज ज्यादा हो रहा है।