हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मिड-ईयर अपडेट में भारत आठ पायदान ऊपर चढक़र 77वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत की यह उपलब्धि प्रभावशाली है, क्योंकि गत छह महीनों में किसी भी देश की रैंकिंग में यह सबसे बड़ी वृद्धि है। इस वर्ष की शुरुआत में भारत 85वें स्थान पर था। ब्रिटेन स्थित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स, उन देशों के नागरिकों को उनके पासपोर्ट द्वारा दी जाने वाली यात्रा स्वतंत्रता के आधार पर देशों की एक ग्लोबल रैंकिंग है। भारतीयों के लिए आगमन पर वीजा लिस्ट में दो और देशों के शामिल होने के साथ, अब देश को 59 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश मिल गया है। यह रैंकिंग उन डेस्टीनेशंस की संख्या को दर्शाती है, जहां पासपोर्ट धारक बिना पूर्व वीजा के प्रवेश कर सकते हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया, मालदीव और थाईलैंड कुछ ऐसे देश हैं, जो भारतीय पासपोर्ट धारकों को वीजा-मुक्त प्रवेश प्रदान करते हैं। श्रीलंका, मकाऊ, म्यांमार आदि देश आगमन पर वीजा (वीजा ऑन अराइवल) की सुविधा प्रदान करते हैं। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों पर आधारित यह रैंकिंग दर्शाती है कि एशियाई देशों की पासपोर्ट क्षमता में वृद्धि हो रही है और भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पारंपरिक दिग्गजों के करीब पहुंच रही हैं। यह रुझान आईएटीए के आंकड़ों में भी दिखाई देता है, क्योंकि 2025 के पहले पांच महीनों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की एयरलाइनों ने 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वैश्विक हवाई यात्रा वृद्धि में अग्रणी स्थान हासिल किया। उत्तरी अमेरिका में बाजार स्थिर रहा। सिंगापुर ने 227 में से 193 डेस्टीनेशंस तक वीजा-मुक्त पहुंच के साथ इंडेक्स में शीर्ष स्थान बरकरार रखा। जापान और दक्षिण कोरिया 190 डेस्टीनेशंस के साथ दूसरे स्थान पर रहे। फ्रांस, जर्मनी और इटली सहित सात यूरोपीय संघ के देश तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल और स्वीडन चौथे स्थान पर रहे, जबकि न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विट्जरलैंड के साथ पांचवें स्थान पर रहा। विश्व स्तर पर कभी पहले स्थान पर रहने वाले अमेरिका और ब्रिटेन में गिरावट जारी रही। ब्रिटेन 186 डेस्टीनेशंस तक पहुंच के साथ छठे स्थान पर खिसक गया, जबकि अमेरिका 182 डेस्टीनेशंस के साथ दसवें स्थान पर खिसक गया। यूएई 10 वर्षों में 42वें स्थान से आठवें स्थान पर पहुंच गया, जबकि उसने किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक वीजा-मुक्त गंतव्य जोड़े। राजनयिक वीजा छूट की नई लहर ने चीन को एक दशक में 34 स्थान ऊपर चढक़र 2025 में 60वें स्थान पर पहुंचा दिया।