अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) टूल डवलप विकसित किया है, जो कम लागत में मिलने वाले इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) डेटा का उपयोग करता है। इस टूल की खासियत यह है कि यह छिपी हुई दिल की बीमारियों को पहचानने में कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सटीक साबित हो सकता है। दिल से जुड़ी कई बीमारियां होती हैं, जैसे दिल के वॉल्व की समस्या, जन्मजात दिल की बीमारी और दूसरी ऐसी चीजें जो दिल के काम करने की ताकत को कमजोर करती हैं। इस बीमारी से दुनियाभर के लाखों लोग प्रभावित होते हैं, लेकिन उन्हें इस बारे में समय रहते पता नहीं चलता। इसके पीछे की वजह यह है कि उनके पास जांच के लिए सही और सस्ता तरीका नहीं होता। इस समस्या को हल करने के लिए, अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक टीम ने एक खास एआई टूल बनाया है, जिसका नाम है इकोनेक्स्ट। ये टूल सामान्य ईसीजी की मदद से दिल की छुपी हुई बीमारियां पकड़ सकता है। नेचर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में, इकोनेक्स्ट टूल कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सही तरीके से मरीजों की पहचान करता है, साथ ही बताता है कि किस मरीज को अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन्स में मेडिसिन और बायोमेडिकल इंफॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर पियरे एलियास ने कहा कि हमारे पास कुछ बीमारियों के लिए टेस्ट हैं, जैसे कि आंत की जांच के लिए कोलोनोस्कोपी और स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राम, लेकिन दिल की ज्यादातर बीमारियों के लिए ऐसे किफायती टेस्ट नहीं हैं। इकोनेक्स्ट ईसीजी डेटा का इस्तेमाल करता है ताकि महंगे अल्ट्रासाउंड सिर्फ उन्हीं मरीजों को कराना पड़े जिनको सच में जरूरत हो। शोधकर्ता ने कहा, इकोनेक्स्ट ऐसी बीमारियां पकड़ सकता है जो डॉक्टर सामान्य ईसीजी देखकर नहीं पकड़ पाते। हमें लगता है कि ईसीजी और एआई मिलकर जांच का एक नया तरीका बना सकते हैं, जिससे दिल की बीमारियां पूरी तरीके से पता लगेंगी। इस शोध में इस टूल को लगभग 2,30,000 मरीजों के 12 लाख से भी ज्यादा ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम के डेटा के साथ जोड़ा गया है और जांच की गई है। 13 कार्डियोलॉजिस्ट की तुलना में इकोनेक्स्ट ने 3,200 ईसीजी टेस्ट में से 77 प्रतिशत दिल से जुड़ी बीमारियां बिल्कुल सही पकड़ीं।