हमारे देश की वेडिंग इंडस्ट्री बहुत विस्तृत है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पीएचडीसीसीआई के सीईओ रंजीत मेहता ने कहा कि भारत के युवाओं के लिए एंटरटेंमेंट अब एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। उन्होंने पीएम मोदी के उस दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जिसमें इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक स्तंभ बनाने की बात कही गई है। उनके अनुसार जैसा कि पीएम मोदी का कहना है भारत को टॉप वेडिंग डेस्टिनेशन बनाया जा सकता है। हमारा मानना है कि भारत की करीब 65 प्रतिशत आबादी यंग है, जिसे इस इंडस्ट्री के जरिए सशक्त बनाया जा सकता है। हम एक ऐसा प्लेटफॉर्म पेश करते हैं, जिसके जरिए हमारे देश के युवा न केवल अपने टैलेंट को शाइन कर सकते हैं बल्कि सशक्त भी बन सकते हैं। लाइव एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री जो कभी 1000 करोड़ की हुआ करती थी, आज 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हो गई है। वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए भारत सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, अलग-अलग मौसम के साथ देश में हर किसी के लिए अवसर मौजूद हैं। पीएचडीसीसीआई ने पहली बार उभरती मनोरंजन इंडस्ट्री पर केंद्रित समिट फन-टैस्टिक 2025 की शुरुआत की है। फन-टैस्टिक 2025 एंटरटेनमेंट समिट, भारत में लाइव एंटरटेनमेंट, कॉन्सर्ट और इवेंट की जीवंत दुनिया का जश्न मनाने के लिए पीएचडी हाउस, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। भारत में मनोरंजन एक मल्टी-बिलियन डॉलर का उद्योग है, इसके अंतर्गत लाइव एंटरटेनमेंट सेगमेंट आता है, जिसमें कॉन्सर्ट, वेडिंग्स, कॉर्पोरेट इवेंट और नाट्य शामिल हैं। अगले तीन वर्षों में उद्योग के 18 प्रतिशत सीएजीआर से बढक़र वर्ष 2026 तक 143 अरब रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। पीएचडीसीसीआई की एंटरटेनमेंट कमिटी के अध्यक्ष ने कहा कि पीएचडीसीसीआई फन-टैस्टिक 2025 इवेंट के साथ अपने 120 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। वेडिंग इंडस्ट्री 7.5 लाख करोड़, कॉन्सर्ट इंडस्ट्री 13 हजार करोड़ की हो गई है। हर बड़ा कलाकार आज भारत के साथ काम करना चाहता है। हमें लगता है कि जिस तेजी से यह इंडस्ट्री आगे बढ़ रही है आने वाले दस वर्षों में एक वेडिंग ट्यूरिज्म होगा और एक वेडिंग मंत्रालय भी होगा, जो वेडिंग, कॉन्सर्ट और बाकी सारे इवेंट्स को मैनेज करेगा। हमारे देश में लार्ज साइज वेडिंग्स ज्यादा संख्या में होने लगी है और यह नये अवसर प्रदान करती है। इतना बड़ा आयोजन असंख्य लोगों के रोजगार का साधन बनता है।