देश के अल्ट्रा वैल्दी इंडीविज्युअल्स अब ग्लोबल लेवल पर विस्तार कर रहे हैं। डेली तीन से चार नये अल्ट्रा हाई नैट वर्थ इंडीविज्युअल्स जुड़ रहे हैं और फैमिली ऑफिसेज का दायरा भी नेशनल से इंटरनेशनल की ओर बढ़ रहा है। यह ट्रेंड इस बात को बता रहा है कि अब बॉर्डर को क्रॉस किया जा रहा है और ग्लोबल ऑफिसेज को ओपन किया जा रहा है। ‘बॉर्डरलैस कॉन्सेप्ट’ की ओर बढ़ रहा दायरा ज्यादा फ्लैक्सीबिलिटी, वोलेटिलिटी, लांग-टर्म स्टेबिलिटी को बढ़ावा दे रहा है। 250 से 500 करोड़ रुपये के सरप्लस को ग्लोबल अवसर के रूप में देखा जा रहा है। ऑफश्योर इन्वेस्टमेंट से अवसरों को तय करने की प्रक्रिया का नया दौर देखने को मिल रहा है। एक डोमेस्टिक वैल्थ मैनेजमेंट फर्म के हैड ने कहा कि करीब 25 से 35 प्रतिशत इन्डिया फैमिली ऑफिसेज ग्लोबल लेवल पर पांच सौ करोड़ के आसपास का इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि ओवरसीज ऑपरेटिंग बेस को फाउंडेशनल के तौर पर देखा जा रहा है। गिफ्ट सिटी स्ट्रक्चर, लिबरेलाइज्ड रेमीटेंस स्कीम स्ट्रेटजी, ओवरसीजन ऑपरेटिंग बेस अहम बन रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार कैपीटल माइगे्रशन एक परिपक्व(मैच्योर) माइंडसैट की ओर इशारा कर रहे हैं। ईवाय के शोध के अनुसार वर्ष 2018 में फैमिली ऑफिस शिफ्ट 45 था, जो गत वर्ष तीन सौ पर पहुंच गया। जुलियस बेयर में वैल्थ मैनेजमेंट सॉल्यूशंस के हैड और मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार गत पांच वर्षों में ट्रांसफॉर्मेशन का दौर देखने को मिला है। फैमिलीज केवल मनी मैनेजमेंट ही नहीं कर रही हैं, बल्कि लीगेसी और लीडरशिप को भी मैनेज कर रही है। जुलियस बेयर और ईवाय स्टडी में इस बात को बताया भी गया है। कोटक महिन्द्रा बैंक की पे्रसीडेंट के अनुसार मॉर्डन वैल्थ मैनेजमेंट में गवर्नेंस, इन्स्टीट्यूशनलाइजेशन, एलाइनमेंट के जरूरी पिलर हैं। फस्र्ट जैनरेशन जो कि रिस्क लेने में हिचकती नहीं थी, सैकंड जैनरेशन ज्यादा सतर्क है और ऑफश्योर इन्वेस्टमेंट के प्रति आकर्षित है। इंटरनेशनल डाइवर्सिफीकेशन केवल फाइनेंशियल मूव नहीं है बल्कि लाइफस्टाइल, हैल्थकेयर, सक्सेशन और पर्पज लैड ग्रोथ से सम्बंधित भी है। ग्लोबल मोबीलिटी अब स्ट्रेटजिक चॉइस के समान है। फैमिली ऑफिसेज के लिये स्पेन, पुर्तगाल स्थिरता वाले हैं, दुबई, सिंगापुर स्ट्रक्चरल जबकि ब्रिटेन लीगेसी वाली पोजीशन पर है। शिफ्टिंग में टेक्नोलॉजी भी अहम बन रही है।