देश में कन्ज्यूमर्स ने पैक्ड कुकिंग पेस्ट का उपयोग बढ़ाया है। फे्रश टमाटर लेने के बजाय पेस्ट लेना शुरू किया। यह स्वास्थ्य के लिये बेहतर है या नहीं, यह चर्चा का अलग विषय है लेकिन हकीकत यह है कि अनेक रेसीपीज को बनाने के लिये लोग मार्केट शैल्फ से कुकिंग पेस्ट लाने लगे हैं। शहरी क्षेत्रों में यह ट्रेंड ज्यादा देखने में आ रहा है। ओनियन, गार्लिक, चिली, जिंजर गार्लिक, टोमेटो आदि के पेस्ट ज्यादा ट्रेंड में हैं। इंटरनेशनल मार्केट एनेलिसिस रिसर्च एंड कन्सल्टिंग गु्रप की रिपोर्ट के अनुसार कुकिंग पेस्ट मार्केट 2022 में 357 करोड़ रुपये का रहा था और 2028 तक 1139 करोड़ रुपये का हो जाने की सम्भावना है। करीब 20.9 प्रतिशत सीएजीआर से यह बढऩे की सम्भावना रख रहा है। प्रड्यूसर्स और ऑनलाइन रिटेलर्स के अनुसार जब भी ताजा टमाटर, प्याज, अदरक, लहसुन आदि चीजों की कीमत बढ़ती है तो पेस्ट की सेल्स बढ़ जाती है। वैसे भी युवतियां, न्यू मदर्स के बीच कुकिंग पेस्ट लेने का ट्रेंड ज्यादा देखने में आ रहा है। वे घर में पेस्ट नहीं बनाना चाहती, रेडीमेड प्रोडक्ट चाहती है। डीएस स्पाइसेज कम्पनी जो कि कैच मसाला ब्राण्ड का स्वामित्व रखती है के सूत्रों केअनुसार पेस्ट श्रेणी तेजी से बढ़ रही है। अपे्रल-अक्टूबर, 2023 के बीच श्रेणी पचास प्रतिशत बढ़ी। यह तुलना गत वर्ष से की गई है। अधिकांश ब्राण्ड्स यह मानते हैं कि पेस्ट बनाना और बेचना टेड़ा काम है। इसका कारण यह है कि जब कच्चे माल की कीमत कम होती है तो डिमांड भी कम हो जाती है। फिर प्रमोशनल ऑफर्स देकर इन्हें बेचना पड़ता है। डाबर इन्डिया जो कि डाबर होमेड पेस्ट का उत्पादन करती है के एक अधिकारी ने कहा है कि इस श्रेणी में बहुत ज्यादा बिल्ट अप स्टॉक नहीं रख सकते। यह डिमांड के अनुसार है। जानकारों के अनुसार पेस्ट के छोटे पैक्स भी बनाये जाते हैं। इसका कारण भी यही है कि यह डिमांड के अनुसार चलने वाला मार्केट है। ताजा प्रड्यूस आने के दौरान कन्ज्यूमर्स पेस्ट का इस्तेमाल कम करते हैं। कुछ रेस्तरां पेस्ट का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं। इसका कारण यह है कि इनका उपयोग आसान होता है। कटिंग प्रोसेस कम हो जाता है। हालांकि नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इन्डिया का मत है कि पेस्ट यूज पर शिफ्टिंग नहीं हो सकती क्योंकि टेस्ट और क्वालिटी में फर्क निश्चित रूप से नजर आता है। वैसे भी कोविड के बाद लोग हैल्थ कॉन्शियस ज्यादा हुए हैं, वे फे्रश चीज खाना पसंद करते हैं। शहरी उपभोक्ता पेस्ट का उपयोग ज्यादा करता है। यह ट्रेंड देखने में आया है। अधिकांश गार्लिक, ओनियन, टोमेटो, जिंजर पेस्ट का उपयोग ज्यादा है। सूत्रों के अनुसार फे्रश प्रोडक्ट्स की प्राइस बढऩे के कारण पेस्ट की डिमांड बढ़ जाती है। इसीलिये यह दैनिक ग्रॉसरी खरीददारी में शामिल हो गया। एक कारण कन्वीनियंस फेक्टर भी है। यह चेंज, सुपरमार्केट, शॉपिंग मॉल शॉपर्स के बीच देखा गया है। मैट्रो, टीयर वन सिटीज में ट्रेंड ज्यादा देखा गया है। देश में जिस प्रकार से इंटरनेशनल कुजीन की डिमांड बढ़ रही है, उसमें यूज होने वाले पेस्ट की श्रेणी बढ़ रही है। न्यू ऐज चैनल्स, ऑनलाइन पे्रजेंस के कारण टीयर टू सिटीज में भी लोग इन प्रोडक्ट्स की खरीद करने लगे हैं। हालांकि प्रतिशत अभी कम है। हमारे देश में इटालियन, मैक्सिकन, चाइनीज, स्पेनिश फूड को काफी पसंद किया जाने लगा है। इनमें उपयोग किये जाने वाले इंग्रीडियंट्स, पेस्ट को सुपरमार्केट्स की शैल्फ पर देखा जा सकता है। इनकी बिक्री बढ़ रही है। न्यू मदर्स, यंग गल्र्स के बीच पेस्ट का उपयोग करने का ट्रेंड चल निकला है, वे यह नहीं जानते कि इनका उपयोग फे्रश पेस्ट के बजाय हानिकारक हो सकता है।