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16-05-2025

एंटरटेंमेंट और मीडिया इंडस्ट्री का रेवेन्यू 2028 तक 3,65,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान

  •  देश में मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री का रेवेन्यू वर्ष 2028 तक 3,65,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो 8.3 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री का राजस्व चार वर्षों में ग्लोबल दर 4.6 प्रतिशत से आगे निकल जाएगा। इस सेक्टर में एडवरटाइजिंग रेवेन्यू 9.4 प्रतिशत की सीएजीआर से बढक़र 2028 तक 1,58,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो ग्लोबल एवेरज 6.7 प्रतिशत से 1.4 गुना अधिक है। इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा डिजिटल फ्रंट (इंटरनेट विज्ञापन) से आएगा। भारत में इंटरनेट विज्ञापन 15.6 प्रतिशत की सीएजीआर से बढक़र 2028 तक 85,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो टॉप 15 देशों में सबसे अधिक वृद्धि दर और वैश्विक औसत से 1.6 गुना अधिक है। दूसरी ओर, देश में ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स सेक्टर 19.2 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2028 तक 39,583 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इस बीच, देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म का राजस्व 14.9 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे का अनुमान है, जो टॉप 15 देशों में सबसे अधिक है, यह 35,061 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुख्य डिजिटल अधिकारी और टीएमटी लीडर  ने कहा कि हमारे ‘ग्लोबल एंटरटेनमेंट एंड मीडिया आउटलुक 2024-2028’ के अनुसार, डिजिटल विज्ञापन, ओटीटी प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन गेमिंग और जनरेटिव एआई जैसे प्रमुख विकास कारक उद्योग के भविष्य को आकार दे रहे हैं। भारत की बेहतर कनेक्टिविटी, बढ़ते विज्ञापन राजस्व और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के आसपास अनुकूल सरकारी नीतियों के साथ, देश में अगले पांच वर्षों में सबसे अधिक विकास दर देखने का अनुमान है। वर्तमान में, भारत में 80 करोड़ ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन, 55 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स और 78 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। भारतीय अपना 78 प्रतिशत समय मनोरंजन और मीडिया से जुड़े मोबाइल फोन ऐप पर बिता रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार ने भारत के आउट-ऑफ-होम (ओओएच) विज्ञापन बाजार में भारी वृद्धि का समर्थन किया है, जो 2023 में 12.9 प्रतिशत बढ़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके 7.6 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की उम्मीद है। प्रिंट विज्ञापन राजस्व की बात करें तो -2.6 प्रतिशत की सीएजीआर पर वैश्विक गिरावट के बावजूद, भारत के बाजार में 3 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे यह 2028 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्रिंट बाजार बन जाएगा।रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सिनेमा बाजार का विस्तार जारी है, जो 14.1 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ रहा है।

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एंटरटेंमेंट और मीडिया इंडस्ट्री का रेवेन्यू 2028 तक 3,65,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान

 देश में मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री का रेवेन्यू वर्ष 2028 तक 3,65,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो 8.3 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय मनोरंजन और मीडिया इंडस्ट्री का राजस्व चार वर्षों में ग्लोबल दर 4.6 प्रतिशत से आगे निकल जाएगा। इस सेक्टर में एडवरटाइजिंग रेवेन्यू 9.4 प्रतिशत की सीएजीआर से बढक़र 2028 तक 1,58,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो ग्लोबल एवेरज 6.7 प्रतिशत से 1.4 गुना अधिक है। इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा डिजिटल फ्रंट (इंटरनेट विज्ञापन) से आएगा। भारत में इंटरनेट विज्ञापन 15.6 प्रतिशत की सीएजीआर से बढक़र 2028 तक 85,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो टॉप 15 देशों में सबसे अधिक वृद्धि दर और वैश्विक औसत से 1.6 गुना अधिक है। दूसरी ओर, देश में ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स सेक्टर 19.2 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2028 तक 39,583 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इस बीच, देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म का राजस्व 14.9 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे का अनुमान है, जो टॉप 15 देशों में सबसे अधिक है, यह 35,061 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुख्य डिजिटल अधिकारी और टीएमटी लीडर  ने कहा कि हमारे ‘ग्लोबल एंटरटेनमेंट एंड मीडिया आउटलुक 2024-2028’ के अनुसार, डिजिटल विज्ञापन, ओटीटी प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन गेमिंग और जनरेटिव एआई जैसे प्रमुख विकास कारक उद्योग के भविष्य को आकार दे रहे हैं। भारत की बेहतर कनेक्टिविटी, बढ़ते विज्ञापन राजस्व और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के आसपास अनुकूल सरकारी नीतियों के साथ, देश में अगले पांच वर्षों में सबसे अधिक विकास दर देखने का अनुमान है। वर्तमान में, भारत में 80 करोड़ ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन, 55 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स और 78 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। भारतीय अपना 78 प्रतिशत समय मनोरंजन और मीडिया से जुड़े मोबाइल फोन ऐप पर बिता रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार ने भारत के आउट-ऑफ-होम (ओओएच) विज्ञापन बाजार में भारी वृद्धि का समर्थन किया है, जो 2023 में 12.9 प्रतिशत बढ़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके 7.6 प्रतिशत सीएजीआर से बढऩे की उम्मीद है। प्रिंट विज्ञापन राजस्व की बात करें तो -2.6 प्रतिशत की सीएजीआर पर वैश्विक गिरावट के बावजूद, भारत के बाजार में 3 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे यह 2028 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्रिंट बाजार बन जाएगा।रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सिनेमा बाजार का विस्तार जारी है, जो 14.1 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ रहा है।


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