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19-04-2025

देश में बढ़ रही है ग्रीन ऑफिस स्पेस

  •  देश में ग्रीन ऑफिस इन्वेंट्री अगले दो-तीन वर्षों में बढक़र 700 मिलियन स्क्वायर फीट पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि आने वाले समय में ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स में लीज का अनुपात बढक़र लगभग 80-85 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो कि मौजूदा समय में 75 प्रतिशत के करीब है। भारत के रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव आ रहा है। सस्टेनेबिलिटी का महत्व बढ़ रहा है और सभी प्रकार की एसेट्स में वृद्धि देखी जा रही है। के्रडाई-कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स में ऑक्यूपेंसी लेवल 80-90 प्रतिशत तक अधिक है, और किराया सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक है। भारत में 2024 में ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस स्टॉक 503 मिलियन स्क्वायर फीट रहा है, जो शीर्ष छह शहरों में कुल ग्रेड ए इन्वेंट्री का 66 प्रतिशत था। रिपोर्ट में बताया गया कि इस दशक की शुरुआत के बाद से ग्रीन ऑफिस स्टॉक में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो डवलपर्स की बढ़ती प्रतिबद्धता को दिखाता है। ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस स्टॉक में बेंगलुरु की हिस्सेदारी 31 प्रतिशत, दिल्ली-एनसीआर की 19 प्रतिशत और हैदराबाद की 17 प्रतिशत है। के्रडाई के अध्यक्ष शेखर जी. पटेल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र भारत को सस्टेनेबल, कम कार्बन वाले भविष्य की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है। अब नए डवलपमेंट में ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स की हिस्सेदारी बढ़ी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्थिरता सभी एसेट क्लास में रियल एस्टेट का मुख्य स्तंभ बन रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, सभी एसेट क्लास में ग्रीन बिल्डिंग क्षेत्रफल गत  पांच वर्षों में लगभग दोगुना होकर 2024 में 13 बिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 तक, 20 लाख से अधिक रेजिडेंशियल यूनिट्स, 6,500 कमर्शियल प्रोजेक्ट्स और 750 इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स ग्रीन सर्टिफाइड थे और आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्रों में सस्टेनेबिलिटी को अपनाने में तेजी आने की संभावना है।

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देश में बढ़ रही है ग्रीन ऑफिस स्पेस

 देश में ग्रीन ऑफिस इन्वेंट्री अगले दो-तीन वर्षों में बढक़र 700 मिलियन स्क्वायर फीट पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि आने वाले समय में ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स में लीज का अनुपात बढक़र लगभग 80-85 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो कि मौजूदा समय में 75 प्रतिशत के करीब है। भारत के रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव आ रहा है। सस्टेनेबिलिटी का महत्व बढ़ रहा है और सभी प्रकार की एसेट्स में वृद्धि देखी जा रही है। के्रडाई-कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स में ऑक्यूपेंसी लेवल 80-90 प्रतिशत तक अधिक है, और किराया सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक है। भारत में 2024 में ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस स्टॉक 503 मिलियन स्क्वायर फीट रहा है, जो शीर्ष छह शहरों में कुल ग्रेड ए इन्वेंट्री का 66 प्रतिशत था। रिपोर्ट में बताया गया कि इस दशक की शुरुआत के बाद से ग्रीन ऑफिस स्टॉक में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो डवलपर्स की बढ़ती प्रतिबद्धता को दिखाता है। ग्रीन सर्टिफाइड ऑफिस स्टॉक में बेंगलुरु की हिस्सेदारी 31 प्रतिशत, दिल्ली-एनसीआर की 19 प्रतिशत और हैदराबाद की 17 प्रतिशत है। के्रडाई के अध्यक्ष शेखर जी. पटेल ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र भारत को सस्टेनेबल, कम कार्बन वाले भविष्य की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है। अब नए डवलपमेंट में ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स की हिस्सेदारी बढ़ी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्थिरता सभी एसेट क्लास में रियल एस्टेट का मुख्य स्तंभ बन रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, सभी एसेट क्लास में ग्रीन बिल्डिंग क्षेत्रफल गत  पांच वर्षों में लगभग दोगुना होकर 2024 में 13 बिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 तक, 20 लाख से अधिक रेजिडेंशियल यूनिट्स, 6,500 कमर्शियल प्रोजेक्ट्स और 750 इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स ग्रीन सर्टिफाइड थे और आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्रों में सस्टेनेबिलिटी को अपनाने में तेजी आने की संभावना है।


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