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12-04-2025

41 प्रतिशत बढ़ा मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट

  •  2024 के सैकंड हाफ (जुलाई-दिसंबर) में भारत में मोबाइल फोन के माध्यम से किए जाने वाले पेमेंट का ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 41 प्रतिशत बढक़र 88.54 अरब हो गया और वैल्यू 30 प्रतिशत बढक़र 197.69 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। वर्ल्डलाइन इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में 2024 की दूसरी छमाही में मजबूत बढ़ोतरी देखी गई है। इसकी वजह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), मोबाइल पेमेंट्स और कार्ड्स के उपयोग में इजाफा होना है। रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटल पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में मजबूत वृद्धि के कारण यह संभव हो पाया। यूपीआई क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड की संख्या दिसंबर, 2024 के अंत तक बढक़र 63.34 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि इस अवधि के दौरान पीओएस टर्मिनल की संख्या 23 प्रतिशत बढक़र 1 करोड़ हो गई है। पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई है। पी2एम लेनदेन की वॉल्यूम 50 प्रतिशत बढक़र 58.03 अरब और कुल वैल्यू 43 प्रतिशत बढक़र 36.35 लाख करोड़ रुपये हो गई है। 2024 की दूसरी छमाही में कार्ड पेमेंट 11 प्रतिशत बढक़र 4.1 अरब ट्रांजैक्शन पर पहुंच गए, जो मुख्य रूप से के्रडिट कार्ड के उपयोग में 36 प्रतिशत की वृद्धि के कारण है। के्रडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन की संख्या बढक़र 2.42 अरब पर पहुंच गई है। डेबिट कार्ड से लेनदेन की संख्या में 29 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है और यह घटकर 0.82 अरब हो गए हैं। प्रीपेड कार्ड से लेनदेन की संख्या 11 प्रतिशत बढक़र 0.86 अरब हो गई है। समीक्षा अवधि में कुल कार्ड से हुए लेनदेन की वैल्यू 8 प्रतिशत बढक़र 13.64 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसमें से के्रडिट कार्ड से 10.76 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं। इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) में जोरदार वृद्धि देखी गई, दिसंबर, 2024 तक 10.3 करोड़ टैग जारी किए गए, जो गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। ट्रांजैक्शन की संख्या 9 प्रतिशत बढक़र 2.05 अरब हो गई, जबकि ट्रांजैक्शन का मूल्य 12 प्रतिशत बढक़र 35,637 करोड़ रुपये हो गया। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में भुगतान स्वीकृति के इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार हुआ है, जिसमें पीओएस टर्मिनलों की संख्या 23 प्रतिशत बढक़र 1 करोड़ हो गई है और यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या 126 प्रतिशत बढक़र 63.34 मिलियन हो गई है। पीओएस टर्मिनलों में निजी क्षेत्रों के बैंकों की हिस्सेदारी 82.2 प्रतिशत है।

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41 प्रतिशत बढ़ा मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट

 2024 के सैकंड हाफ (जुलाई-दिसंबर) में भारत में मोबाइल फोन के माध्यम से किए जाने वाले पेमेंट का ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 41 प्रतिशत बढक़र 88.54 अरब हो गया और वैल्यू 30 प्रतिशत बढक़र 197.69 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। वर्ल्डलाइन इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में 2024 की दूसरी छमाही में मजबूत बढ़ोतरी देखी गई है। इसकी वजह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), मोबाइल पेमेंट्स और कार्ड्स के उपयोग में इजाफा होना है। रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटल पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में मजबूत वृद्धि के कारण यह संभव हो पाया। यूपीआई क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड की संख्या दिसंबर, 2024 के अंत तक बढक़र 63.34 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि इस अवधि के दौरान पीओएस टर्मिनल की संख्या 23 प्रतिशत बढक़र 1 करोड़ हो गई है। पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई है। पी2एम लेनदेन की वॉल्यूम 50 प्रतिशत बढक़र 58.03 अरब और कुल वैल्यू 43 प्रतिशत बढक़र 36.35 लाख करोड़ रुपये हो गई है। 2024 की दूसरी छमाही में कार्ड पेमेंट 11 प्रतिशत बढक़र 4.1 अरब ट्रांजैक्शन पर पहुंच गए, जो मुख्य रूप से के्रडिट कार्ड के उपयोग में 36 प्रतिशत की वृद्धि के कारण है। के्रडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन की संख्या बढक़र 2.42 अरब पर पहुंच गई है। डेबिट कार्ड से लेनदेन की संख्या में 29 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है और यह घटकर 0.82 अरब हो गए हैं। प्रीपेड कार्ड से लेनदेन की संख्या 11 प्रतिशत बढक़र 0.86 अरब हो गई है। समीक्षा अवधि में कुल कार्ड से हुए लेनदेन की वैल्यू 8 प्रतिशत बढक़र 13.64 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसमें से के्रडिट कार्ड से 10.76 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं। इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) में जोरदार वृद्धि देखी गई, दिसंबर, 2024 तक 10.3 करोड़ टैग जारी किए गए, जो गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। ट्रांजैक्शन की संख्या 9 प्रतिशत बढक़र 2.05 अरब हो गई, जबकि ट्रांजैक्शन का मूल्य 12 प्रतिशत बढक़र 35,637 करोड़ रुपये हो गया। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में भुगतान स्वीकृति के इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार हुआ है, जिसमें पीओएस टर्मिनलों की संख्या 23 प्रतिशत बढक़र 1 करोड़ हो गई है और यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या 126 प्रतिशत बढक़र 63.34 मिलियन हो गई है। पीओएस टर्मिनलों में निजी क्षेत्रों के बैंकों की हिस्सेदारी 82.2 प्रतिशत है।


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