भारत की मेन्यूफेक्चरिंग गतिविधियों में अक्टूबर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है, इससे एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मेन्यूफेक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) बढक़र दो महीने के उच्चतम स्तर 58.4 पर पहुंच गया है, जो कि सितंबर में 57.7 था। यह जानकारी जारी रिपोर्ट में दी गई। एसएंडपी ग्लोबल की ओर से संकलित किए गए आंकड़ों में बताया गया कि भारत का मेन्यूफेक्चरिंग सेक्टर मजबूती से बढ़ रहा है। इसकी वजह मजबूत मांग और लागत पर दबाव का कम होना है। मेन्यूफेक्चरिंग पीएमआई में वृद्धि, नए ऑर्डरों में बढ़त, उत्पादन में इजाफा और स्थिर रोजगार स्तर व्यावसायिक परिस्थितियों में सुधार को दिखाते हैं। एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी के अनुसार, हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती से घरेलू मांग को बढ़ावा मिला है और साथ ही इनपुट लागत को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिली है। भंडारी ने आगे कहा कि अक्टूबर में मेन्यूफेक्चरिंग पीएमआई के बढऩे की एक वजह जीएसटी की दरों में कटौती है। इससे घरेलू मांग और लागत पर दबाव कम हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी टैरिफ के कारण एक्सपोर्ट से जुड़ी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं और इससे नए एक्सपोर्ट ऑर्डर और भविष्य के बिजनेस आशावाद पर दबाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा, नए ऑर्डर और उत्पादन दोनों ही जनवरी-जुलाई के औसत स्तर से ऊपर हैं। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ के कारण नए एक्सपोर्ट ऑर्डर और भविष्य के लिए आशावाद पर असर पड़ रहा है, जो जनवरी-जुलाई के स्तर से नीचे बने हुए हैं। हालांकि, एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स - जो मैन्युफैक्चरिगं और सर्विसेज सेक्टर के संयुक्त प्रदर्शन को मापता है - सितंबर के 61.0 से अक्टूबर में गिरकर 59.9 पर आ गया। जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो यह आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि को दिखाता है। वहीं, पीएमआई के 50 से कम होने पर आर्थिक गतिविधियों में गिरावट देखी जाती है।